
बीकानेर,प्रसिद्ध खनन व्यवसायी व समाजसेवी गंगाशहर निवासी सुमेरमल दफ्तरी का 80 वर्ष की उम्र में आज सुबह निधन हो गया है। उनकी अंतिम यात्रा शुक्रवार सुबह 10 बजे पुरानी लाइन स्थित निज निवास से रवाना होगी। ब्रेन स्ट्रोक की वजह से उनकी तबीयत बिगड़ी, जिसके बाद 4 फरवरी की रात उन्हें एयर एंबुलेंस के माध्यम से दिल्ली के मेदांता अस्पताल ले जाया गया। जहां गुरूवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली।
उल्लेखनीय है कि सुमेरमल दफ्तरी बीकानेर की वह हस्ती थे, जिनकी व्यापारिक यात्रा बेहद प्रेरणादाई है। एक ऑटो से अपना सफर शुरू करने वाले सुमेरमल ने कड़े संघर्ष से रानी बाजार में रामरज यानी पीली मिट्टी की पिसाई का कार्य शुरू किया था। इसके बाद खनन उद्योग में एंट्री की, देखते ही देखते वे खनन उद्योग के बादशाह बन गए। वे बीकानेर व्यापार जगत के चुनिंदा दिग्गजों में शामिल रहे। बताया जाता है कि उन्होंने न सिर्फ मिट्टी का व्यापार किया बल्कि वे मिट्टी से जुड़े हुए भी थे। वे समाजसेवा में भी अग्रणी नाम रहे। आचार्य तुलसी समाधि स्थल यानी आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान के प्रथम अध्यक्ष रहे। इसके बाद भी कई बार अध्यक्ष रहे। समाधि स्थल को बीकानेर का गौरव बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। आचार्य तुलसी केंसर अस्पताल का सपना साकार करने की बात हो या आशीर्वाद भवन निर्माण की बात, हर जगह सुमेरमल दफ्तरी नींव के पत्थर बने। इसके अतिरिक्त वे पुरानी लाइन ओसवाल पंचायती के अध्यक्ष भी रहे। कृष्ण गौ संवर्द्धन समिति सुजानदेसर में कई वर्षों तक सेवाएं दीं। हाल ही में आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान में उन्हें पंच मंडल सदस्य नियुक्त किया गया।