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बीकानेर,जयपुर के वरिष्ठ समाजसेवी एवम अखिल भारतोय गुर्जर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि शंकर धाभाई ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं केंद्रीय सड़क परिवहन एवम राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी एवं केंद्रीय सड़क परिवहन राज्य मंत्री वीके सिंह को एक मांग पत्र भेजकर कम्युनिटी पार्किंग के बाबत एक ठोस पार्किंग पॉलिसी देश में बनाने की मांग उठाई है । इस पत्र की प्रतिलिपि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह एवं राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र को भी आवश्यक कार्रवाई हेतु भेजी है।*

*सामाजिक कार्यकर्ता रवि शंकर धाभाई ने आगे बताया कि वर्तमान में विकराल रूप लेती पार्किंग की समस्या का समाधान की दिशा में सरकारें* *संवेदनशीलता का परिचय क्यों नहीं दे रही ? वाहन – पार्किंग की समस्या और भारत क्या इस समस्या की गंभीरता को कोई समझ रहा है ? पूरे देश में है यह समस्या एक बड़ी समस्या पार्किंग की समस्या देश के सभी शहरों में देखी जा सकती है । अखवारों में आए दिन सुर्खियां बनती है कि गाड़ी पार्किंग को लेकर झड़प हुई । शहरों में पार्किंग की समस्या के कारण हर दिन ऐसे विवाद सामने आ रहे हैं । ऐसे में यह सवाल है कि आखिर विकराल रूप लेती पार्किंग की समस्या का समाधान की दिशा में सरकारें* *संवेदनशीलता का परिचय क्यों नहीं दे रही ? दिनों दिन पार्किंग की समस्या गंभीर होती जा रही है । सड़कों की लगभग चालीस फीसदी जगह दोनों तरफ गाड़ी पार्किंग से कम हो जाती है । आम आदमी के लिए सड़कों पर चलने की जगह नहीं है । एक परिवार को चार से पांच गाड़ियां रखने की अनुमति क्यों दी जा रही है ? पार्किंग के लिए जगह हो तो ही नई गाड़ी खरीदने की अनुमति देनी चाहिए । विल्डर बहुमंजिला इमारतों में गाड़ियों की पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था नहीं करते , जिसके चलते उसके निवासी सोसायटियों के बाहर सड़कों पर पार्किंग करते हैं । दरअसल , आज सच्चाई यह है कि पार्किंग की समस्या देश के सभी शहरों में देखी जा सकती है । अखवारों में आए दिन सुर्खियां बनती है कि गाड़ी पार्किंग को लेकर झड़प हुई । देश के सभी शहरों के प्रमुख वाजारों में पार्किंग की समस्या गंभीर रूप ले रही है । यह भी देखा गया है कि बाजार में जगह नहीं होने के कारण लोग मनमर्जी करते हुए फुटपाथ और सड़कों पर गाड़ी पार्क करने से पीछे नहीं हटते । आज आलम यह है कि अवस्थित पार्किंग छोटे से लेकर बड़े शहरों में जाम का मुख्य कारण बन रही है । वाहनों की पार्किंग का संकट लगातार बढ़ रहा है । वाहनों वाले इस महानगर में वाहनों की संख्या में बड़ी तेजी से इजाफा हो रहा है , लेकिन इसी अनुपात में इनकी पार्किंग के इंतजाम नहीं किए जा रहे । देश के शहरों में प्रतिदिन लाखों की संख्या में गाड़ियां आती हैं । इन्हें भी आखिरकार कहीं ना कहीं जगह चाहिए । यही वजह है कि सड़क से लेकर बाजार तक बुरा हाल है । बढ़ते वाहनों की वजह से वायु प्रदूषण से भी सामना करना पड़ रहा है । शहर में बढ़ते प्रदूपण , सड़क जाम और पार्किंग जैसी समस्याओं पर काबू पाने के लिए निजी वाहनों की बढ़ती संख्या पर लगाम लगाई जाए । लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या पार्किंग की समस्या का यह स्थाई समाधान हो सकता है ? जरूरत इस बात की है कि विकराल रूप लेती पार्किंग की समस्या का स्थाई समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाए जाए । यदि समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो यह कहा जा सकता है कि पार्किग की समस्या बहुत बड़ी परेशानी का सबब बनती नजर आएगी । आज शहरों में निजी वाहनों की संख्या में वेतहाशा और अनियंत्रित बढ़ोतरी हो रही है । इसके चलते सुगम यातायात प्रभावित होता है । ऐसे में सरकारों को निजी वाहनों के क्रय पर लोक परिवहन एवं यातायात शुल्क अधिरोपित करने का प्रावधान करना चाहिए , जिससे निजी वाहनों की संख्या में कमी आएगी और सुगम यातायात सुनिश्चित हो सकेगा । मौजूदा वक्त में नगरीकरण की दर में हो रही वृद्धि से शहरों की भूमियों के मूल्यों में अनपेक्षित बढ़ोतरी हुई है । इसलिए शहरों में विशेषकर व्यस्ततम इलाकों में रिक्त स्थानों के अभाव होने से शहर की आवश्यकता के अनुरूप पार्किंग अधोसंरचना का विकास किया जाना संभव नहीं हो पा रहा है । इसके चलते लोग अपनी गाड़ियों को घर से बाहर सड़क पर पार्क कर देते हैं । इससे न केवल सड़क पर से होकर गुजरने वाले लोगों को वल्कि यातायात को भी कई प्रकार की दिक्कतें झेलनी पड़ती है । ऐसे में शहर में सुगम यातायात सुनिश्चित करने के लिए पार्किंग अधोसंरचना में वृद्धि एवं अपेक्षित जनसहभागिता की आवश्यकता है । अकसर यह देखा गया है कि पार्किंग के प्रति जन – जागरूकता के अभाव में कई लोग पार्किंग स्थलों का उपयोग न कर , पार्किंग के लिए गैर चिह्नित स्थलों पर वाहन पार्क कर देते हैं । इसके अतिरिक्त कुछ लोग नो – पार्किंग जोन , नो – स्टॉपिंग जोन एवं कंट्रोल्ड पार्किंग के क्रियान्वयन में अपेक्षानुरूप सहयोग नहीं करते है , जिससे पार्किंग नियमों का समुचित क्रियान्वयन संभव नहीं हो पाता है । यह सही है कि पार्किंग नियमों का पालन तभी हो सकेगा , जब नागरिक पार्किंग के महत्त्व को समझें । लेकिन , इसके साथ – साथ सरकारों को पार्किंग की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे साथ ही नागरिकों को सूचना , शिक्षा , संचार गतिविधियों के माध्यम से पार्किंग के महत्त्व को समझाये ।*

*गलियों में पार्किंग पर तुरंत प्रभाव से प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए । क्योंकि पार्किंग की समस्या की वजह से आए दिन किसी न किसी कालोनी या गली में झगड़े होना आम हो गया है क्योंकि लोग खुद ही अपनी कार आड़ी तिरछी पार्किंग कर देते हैं और रात को गलियों में जिससे रात को इमरजेंसी में किसी को गाड़ी उसकी खुद के काम नहीं आती है । प्रशासन को ऐसे नियम कायदे बनाने चाहिए कि जिन लोगों के पास घर हो और पार्किंग की जगह ना हो तो वह कई सारी गाड़ियां ना खरीद पाए और इस प्रकार की नियम कायदे बेहद सख्ती से प्रशासन, पुलिस एवम परिवहन विभाग को लागू करने की जरूरत है क्योंकि सड़कें यूं ही भी सकरी है और सड़कों पर किए गए अतिक्रमण जैसी चबूतरे इत्यादि लोगों ने बना रखे हैं । ऐसे में सड़क के दोनों तरफ गाड़ियां खड़ी हो जाने के बाद छोटा सा हिस्सा बचता है।

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