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बीकानेर.जिले में इन दिनों तेज सर्दी का असर गांवों में अधिक दिखाई दे रहा है। वहीं रविवार को अधिकतम व न्यूनतम पारा बढ़ने से थोड़ी राहत मिली। वहीं गांवों में शनिवार रात कड़ाके की सर्दी से ओस की बूंदें खेतों व पेड़ पौधों पर बर्फ बन गई। इनमें लूणकरनसर, सुरनाणा, पूगल, छतरगढ़ क्षेत्र में असर अधिक दिखाई दिया। वहां फसलों पर बर्फीली परत जमी रही। रविवार को दिन की शुरुआत से ही सर्द वातावरण था। हल्की धुंध दिखी तो सूरज निकले के साथ ही मौसम साफ हो गया पर गलन बरकरार रही। दोपहर को धूप में राहत मिली। इस दौरान बीकानेर शहर में मौसम विभाग ने अधिकतम 24.9 डिगग्री एवं न्यूनतम 5.0 डिग्री पारा दर्ज किया।शनिवार को मुकाबले अधिकतम दो डिग्री अधिक था तो न्यनूतम भी आंशिक रूप से बढ़ने से सर्दी थोड़ी कम महसूस हुई। मौसम केन्द्र जयपुर के अनुसार फिलहाल आगामी दो दिन जिले में शीतल लहर की संभावना कम है।

सुराणा.आसपास के क्षेत्र में पिछले दो दिनों से तेज सर्दी के चलते लोग घरों में दुबके हुए नजर आ रहे हैं। इस कड़कड़ाती ठंड में सर्दी इतनी तेज है कि पारा दो डिग्री तक पहुंच गया है। रविवार को लोग जगह जगह अलाव तापते नजर आए। खेतों की फसलों पर बर्फ जम गई।

बर्तनों में जमी बर्फ

पूगल. गत एक सप्ताह से पड़ रही कड़ाके की सर्दी ठिठुरा रही है। स्थिति यह की गर्म कपड़े पहनने के
बावजूद सर्दी से राहत नहीं मिल रही हैं। वही सर्द भरी रातों में वाहनो की छतों, फसलो व घरों में पानी से भरे बर्तनों में बर्फकी परत जमने लगी है। इसके लोगो को घरों में भी शीतलहर का अहसास हो रहा है।

खेतों में जमी बर्फ

छत्तरगढ़ क्षेत्र में कड़ाके की ठंड अब पूरी तरह दस्तक दे दी है। मौसम विभाग अनुसार छत्तरगढ़ में न्यूनतम तापमान दो डिग्री सेल्सियस बताया गया है। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में रात को खेतों में बर्फ जम गई। किसान किशोर कुलदीप बेनीवाल ने बताया कि आरजेडी क्षेत्र में गेहूं, इसबगोल व सरसों की फसल की हरी पत्तियों पर चादर सी बिछ गई थी।

लूणकरनसर में फसलों को नुकसान

लूणकरनसर तहसील क्षेत्र में कड़ाके की ठण्ड के चलते रविवार सुबह पारा जमाव बिन्दू रहा है तथा फसलों पर बर्फ की सफेद चादर जम गई। रविवार को सुबह ठण्ड के चलते तहसील मुख्यालय समेत ग्राम अमरपुरा, खोडाला, शेखसर, ढाणी पाण्डूसर समेत नहरी सिंचित व नलकूप वाले इलाके में फसलों समेत पेड़-पौधे व झाड़ियों पर पानी बर्फ की तरह जम गया। इस अगेती सरसों की फसल को कुछ नुकसान हुआ है तथा किसान तेज सर्दी से फसलों में बढ़वार रुकने का अंदेशा जता रहे हैं।

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