नई दिल्ली: अति-प्रतीक्षित पुस्तक, स्नेक्स इन दी गंगा: ब्रेकिंग इंडिया २.० का २६ सितंबर, २०२२ को, श्री दत्तात्रेय होसबले, स्वपन दासगुप्ता, सुधांशु त्रिवेदी, प्रकाश सिंह एवं आनंद नरसिंहन द्वारा नई दिल्ली के चिन्मय मिशन प्रेक्षागृह में इन्फिनिटी फाउंडेशन एवं ब्लूवन इंक प्रकाशन द्वारा लोकार्पण किया गया। इस पुस्तक के लेखक राजीव मल्होत्रा एवं लेखिका विजया विश्वनाथन् हैं। इस पुस्तक में भारत की अरक्षितता से संबंधित किंचित असुविधाजनक सत्य के अनावरण हेतु एक निर्भीक प्रयास किया गया है।
इस पुस्तक के विषय में अपनी प्रशंसा को व्यक्त करते हुए, होसबले ने कहा, “मुझे आशा है कि यह पुस्तक बुद्धिजीवियों द्वारा उत्साह के साथ प्राप्त की जाएगी और जिस उद्देश्य से इसे प्रकाशित किया गया है, वह प्राप्त होगा”।
स्वपन दासगुप्ता ने कहा, “मैं राजीव मल्होत्रा और श्रीमती विश्वनाथन् को समय निकालने और इस अभूतपूर्व मूल्यवान शोध को करने के लिए धन्यवाद देता हूं”। प्रकाश सिंह ने पुस्तक की प्रशंसा में कहा कि, “स्नेक्स इन दी गंगा उन कुछ पुस्तकों में से एक है जिन्हें मैं आंखें खोलने वाला मानता हूं। मैंने जो कुछ भी पढ़ा है उसने मुझे शिक्षित किया है, मुझे समझदार बनाया है और मुझे सचेत भी किया है”।
इस पुस्तक पर टिप्पणी देते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि पुस्तक में जो कुछ भी लिखा गया है वह भारत के खिलाफ एक बहुत ही महत्वपूर्ण और खतरनाक षड़यंत्र की ओर संकेत कर रहा है और इससे शारीरिक, मानसिक और संवैधानिक रूप से निपटा जाना चाहिए। आनंद नरसिंहन ने कहा कि इस पुस्तक के माध्यम से लेखक अरबपतियों को वैसे ही जगाना चाहते हैं जैसे जाम्बवंत ने हनुमान जी को जगाया था।
पुस्तक के लोकार्पण के बाद एक ज्ञानवर्धक प्रशोत्तरी-सत्र में लेखक राजीव मल्होत्रा और लेखिका विजया विश्वनाथन् ने, विचारों के पारितंत्र और भारत को पुनः उपनिवेश बनाने हेतु जो नए युवा नेता संस्थाओं से निकल रहे हैं, इन सबके विषय में चर्चा करी।
लेखकों का परिचय:
राजीव मल्होत्रा सासंकृतिक अध्ययन के, विश्व के विभिन्न धर्मों और विभिन्न सांस्कृतिक विचारों के आदान प्रदान के एक गूढ़ शोधकर्ता एवं बहु-प्रचलित बुद्धिजीवी हैं। उनका प्रशिक्षण भौतिक विज्ञानं में हुआ, तत्पश्चात वे एक विख्यात कम्प्यूटर वैज्ञानिक हुए जिन्होंने १९७० में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ए.आई.) के क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त की। अमेरिका में एक सफल कॉर्पोरेट करियर प्राप्ति के उपरांत उन्होंने अपने आपको एक उपक्रमी के रूप में स्थापित किया, कई सूचना प्रौद्योगिकी कम्पनियों की स्थापना की और लगभग २० कंपनियों को विश्व के कई देशों में स्वयं संचालित भी किया। १९९० के पूर्वार्ध में, उन्होंने इंफिनिटी फाउंडेशन (प्रिंस्टन, यू.एस.ए) नामक एक लाभ-निरपेक्ष संस्था (नॉन प्रॉफिट एन.जी.ओ)की स्थापना की। वे ऐतिहासिक, समाज विज्ञान एवं मनोविज्ञान की दृष्टि से विभिन्न संस्कृतियों में शोध कर रहे हैं। उन्होंने कई विश्व प्रसिद्द एवं सफल पुस्तकों को लिखा है। उन पुस्तकों ने विश्व भर में कई महान बुद्धिजीवियों को प्रभावित किया है। राजीव उनिवेर्सिटी ऑफ़ मैसाचुसेट्स, डार्टमथ के सेंटर फॉर इंडिक स्टडीज़ के बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्स के सभापति (चेयरमैन) हैं। वे आई.आई.ए.एस, शिमला के परामर्शी मँच (ऐडवाइज़री बोर्ड) के सदस्य भी हैं।
विजया विश्वनाथन् एक इंजीनियर हैं और उन्होंने व्हार्टन बिज़नेस स्कूल से एम.बी.ए. किया है। यु.एस.ए, सिंगापुर एवं यूरोप में, उत्पादन एवं वित्तीय आधारित एक सफल उपक्रमी करियर प्राप्ति के उपरांत इन्होंने शिक्षा पर अपना ध्यान केंद्रित किया। इन्होंने अपने बच्चों के संग गृह-शिक्षा में संलग्न होकर, भारतीय ज्ञान प्रणाली (इंडिक नॉलेज सिस्टम) की आधुनिक जगत में किस प्रकार से प्रासंगिकता है, इस विषय में गूढ़ परिज्ञान प्राप्त किया है। पाठ्यक्रम, अध्यापन-कला एवं परामर्शदाता के रूप में विजया, अत्यंत सक्रीय रहती हैं। विजया, आर्ष विद्या गुरुकुल के स्वामी दयानन्द सरस्वती के अंतर्गत छात्रा रह चुकी हैं। इन्होंने वेदान्त एवं कई धार्मिक ग्रंथों और कई विभिन्न सांस्कृतिक विचारों का अध्ययन किया है। विजया, इंफिनिटी फाउंडेशन के बोर्ड की भी सदस्या हैं।
प्रकाशक का परिचय:
ब्लूवन इंक, एक प्रकाशन संस्था है जो कि, साहित्य, शिक्षा एवं संस्कृति की वास्तविकता और स्वतंत्रता का समर्थन करती है। किसी भी क्षेत्र या शिक्षण में यह प्रकाशन विकासशील और नवीन प्रतिभाओं को प्रकाशित करने में प्रयासरत है। यह प्रकाशन, प्रचार-प्रसार हेतु भी, एक प्रभावशाली मंच प्रदान करता है। संपादन, उत्पादन एवं पुस्तक के विज्ञापन हेतु कई विभिन्न प्रकार के समर्थन प्रदान करता है।
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