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बीकानेर,नोटबंदी,जीएसटी और फिर कोरोना की दो लहरों से टूट चुके छोटे व्यापारियों को लगातार नये नये संकटों का सामना करना पड़ रहा है। इस बार की दिवाली से हर किसी को बड़ी उम्मीद है, मगर छोटे छोटे पटाखा दुकानदार निराशा के अंधेरे से घिर चुके हैं। वजह, शहर के समस्त अस्थाई पटाखा दुकानदारों को एक मार्केट अथवा ग्राउंड में शिफ्ट करने का निर्णय है। प्रशासन ने शहर में पांच स्थान चिन्हित किए हैं, इन्हीं में से किसी एक स्थान को अस्थाई पटाखा विक्रेताओं का ओपन मार्केट बनाया जाएगा। इस निर्णय के पीछे की वजह, हादसों का डर है। पिछले वर्षों में हुए हादसों से सबक लेकर प्रशासन ने यह निर्णय लिया है। प्रशासन का कहना है कि एक जगह मार्केट होने से अवैध(बिना अस्थाई लाइसेंस) के दुकानें नहीं लगा पाएंगे। वहीं प्रशासन को सुरक्षा इंतजामात हेतु निगरानी रखने में भी आसानी होगी।

दूसरी तरफ प्रशासन के इस निर्णय से छोटे पटाखा विक्रेता खासे नाराज है। उनका कहना है कि स्थाई दुकानदार मार्केट में बने रहेंगे, केवल उनको (अस्थाई दुकानदारों) ही एक मार्केट में ले जाया जाएगा। अस्थाई दुकानदारों को यह तरीका बिक्री व हादसों से सुरक्षा के लिहाज से उचित नहीं लग रहा। उनका कहना है कि एक जगह बहुत सारी दुकानें होने से तो उल्टा खतरा अधिक बड़ा हो जाएगा। अगर किसी एक दुकान में आग लगी तो करीब तीन सौ-चार सौ दुकानें चपेट में आ जाएगी। दूसरी तरफ अस्थाई दुकानदारों का माल भी नहीं बिक पाएगा। शहर के हर क्षेत्र में 2-4 स्थाई दुकानदार है। त्योहार के दिन अधिकतर व्यक्ति पटाखों की खरीद नजदीकी दुकानों से करते हैं, ऐसे में हर क्षेत्र के इक्का दुक्का दुकानदारों की तो चांदी हो जाएगी, मगर सैकड़ों अस्थाई दुकानदारों को घाटा हो जाएगा। अस्थाई व छोटे दुकानदार रोजगार पर आए इस खतरे से मायूस हो चुके हैं। संभागीय आयुकत नीरज के पवन से बातचीत की। नीरज ने छोटे व्यापारियों के हित में पुनर्विचार करने की बात कही है। बता दें कि बीकानेर में इन दिनों हर किसी को संभागीय आयुक्त से उम्मीदें रहती है। कमिश्नर नीरज के पवन शहर को अतिक्रमण मुक्त करने में भी लगे हुए हैं, इससे आमजन को बेहद राहत मिली है। समाधान: प्रशासन अस्थाई व छोटे दुकानदारों को दूर कहीं एक मार्केट में ले जाने की बजाय शहर में ही निश्चित दूरी के साथ दुकानें लगाने की अनुमति दे सकता है। सुरक्षा के लिहाज से दुकान पर फायर फाइटर, पानी से भरे ड्रम व मिट्टी ना रखने वाले दुकानदारों पर चालान बड़ा किया जा सकता है। अगर यह चालान दस हजार रूपए तक का हो, तो कोई भी दुकानदार सुरक्षा नियमों में चूक नहीं करेगा। इसके अतिरिक्त दुकानें ऊपर से पूरी तरह कवर होनी चाहिए। शहर में ही पटाखा दुकानों के बीच दूरी आवश्यक है। वहीं कोटगेट, केईएम रोड़, मटका गली, बड़ा बाजार, सब्जी बाजार जैसे भीड़भाड़ वाले बाजारों में स्थाई अथवा अस्थाई, किसी भी प्रकार की दुकानें नहीं लगनी चाहिए।

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