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बीकानेर कृषि अनुसंधान केंद्र पर आज शुक्रवार को आईसीएआर- अखिल भारतीय समन्वित चारा अनुसंधान परियोजना के अंतर्गत खरीफ चारा दिवस मनाया गया। इस अवसर पर किसानों के लिए आयोजित,एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कृषि विश्वविद्यालय एवं राजूवास के कुलपति प्रो. (डॉ) एस के गर्ग ने कहा की खरीफ चारा दिवस का उद्देश्य उत्तम पोषण युक्त चारे की उपलब्धता बढ़ाकर, पशुओं की उत्पादकता और पशुधन को गुणवत्ता सुनिश्चित करना है। कृषि और पशुपालन हमारे देश राज्य की अर्थव्यवस्था के आधार हैं। चारा उत्पादन का महत्व, लागत, सेवण, धामण, नेपियर आदि किस्मों चर्चा करते हुए इंटीग्रेटेड फार्मिंग सिस्टम की महत्ता बताई। भारत सरकार के आठ वर्ष पूर्व प्रारंभ किए गए किसानों की आय दोगुनी करने के अभियान की सफलता और कृषि व कृषक कल्याण के बारे में भी बताया। एडवांस सिंचाई के साधन व ड्रिप इरिगेशन की सहायता से किसान तरक्की की ओर बढ़ रहे हैं। पश्चिमी राजस्थान में कृषि के विकास एवं कृषि विश्वविद्यालय के योगदान को सराहा। किसानों हरा चारा के कैश क्रॉप के रूप में उगाने हेतु प्रेरित किया ।

कृषि अनुसंधान केंद्र के क्षेत्रीय निदेशक डॉ एस आर यादव ने चारा परियोजना की उपलब्धियां बताई चार नई किस्मों व पंद्रह तकनीकी विकसित करने के साथ-साथ काश्तकारों को मिल रहे लाभ के बारे में बताया है। अनुसंधान निदेशक ने इस बार अधिक वर्षा से कृषि हो होने वाले फायदों के बारे में बताया पशुओं को चारा चाहिए, अधिक व पोषक चारा उत्पादन तकनीकी को किसानों तक पहुंचाया जा रहा है। चारा परियोजना के प्रभारी डॉ ए एस गोदारा सभी का धन्यवाद ज्ञपित किया। मंच संचालन डॉ बीडीएस नाथावत ने किया।

*कुलपति ने किया फार्म का भ्रमण और पौधारोपण*
इस अवसर पर डॉ पी एस शेखावत व डॉ एस आर यादव ने कुलपति प्रो. (डॉ) एस के गर्ग को अनुसंधान केंद्र के चारा फार्म का भ्रमण करवाया और आयोजित प्रशिक्षण की जानकारी दी। इसी के साथ केंद्र पर पौधारोपण भी किया गया।

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