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बीकानेर, कृषि महाविद्यालय बीकानेर में राष्ट्रीय उच्च शिक्षा परियोजना (नाहेप) के अंतर्गत ग्रामीण युवाओं को उद्यमिता से जोड़ने की दिशा में मशरूम उत्पादन विषय पर सात दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया जा रहा है। निदेशक एवं प्रोफेसर डॉ दाताराम ने बताया कि यह प्रशिक्षण 26 फरवरी से 4 मार्च तक आयोजित किया जाएगा और इस अवधि में मशरूम उत्पादन के विभिन्न आयामों के बारे में जानकारी दी जाएगी। इस सैद्धांतिक व प्रयोगिक प्रशिक्षण हेतु कई किसानों ने रुचि दिखाई है 60 युवाओं ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। बहुत ही कम समय में स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय की नवस्थापित मशरूम यूनिट ने 150 किलो मशरूम और 120 किलो बीज विक्रय कर सराहनीय प्रदर्शन किया है। युवा किसानों को बताया गया की मशरूम यूनिट में अब तक सैकड़ों लोग भ्रमण कर चुके है और टेलीफोन कर कई युवा उद्यमी सलाह लेते रहते है। प्रशिक्षण के प्रथम दिवस अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय डॉ आई.पी.सिंह, निदेशक डॉ पी एस शेखावत, नाहेप प्रभारी व अतिरिक्त बीज निदेशक डॉ एन.के. शर्मा, डॉ वी.एस.आचार्य, डॉ अर्जुन यादव ने उपस्थित उद्यमी युवा किसानों व छात्रों को संबोधित कर आज के दौर में उद्यमिता और मशरूम उत्पादन में सुनहरे भविष्य पर चर्चा की और उन्हे बताया की देश-विदेश में ऑर्गेनिक उत्पादों की बहुत मांग है और मशरूम एक सुलभ उपलब्ध ऑर्गेनिक उत्पाद है और इसके उत्पादन में कम लागत से ज्यादा नफा मुमकिन है। सीमित स्थान और कम संसाधनों से अधिक लाभ कमाया जा सकता है उचित मार्केटिंग के जरिए लाभ उठाया जा सकता है। समस्त प्रशिक्षणार्थियों संबोधित कर उत्साहवर्धन किया और राजस्थान सरकार के कृषि बजट में दी गई सुविधाओं पर भी प्रकाश डाला।

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