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बीकानेर,स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में बुधवार को विभिन्न कृषि विज्ञान केन्द्रों के साथ वार्षिक कार्य योजना की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में अटारी जोधपुर के निदेशक डॉ जेपी मिश्रा, अनुसंधान निदेशक डॉ विजय प्रकाश तथा प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ नीना सरीन सहित अन्य प्रधान वैज्ञानिकों ने हिस्सा लिया।
कृषि विज्ञान केंद्रों के ऑन फॉर्म ट्रायल कार्य पर चर्चा करते हुए मिश्रा ने कहा कि सभी केवीके अपने यहां किसानों की सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करें, किसान की आवश्यकताओं के अनुरूप ऑन फॉर्म ट्रायल किए जाएं।किसानों के खेतों में परीक्षण करने से पहले अपने-अपने क्षेत्रों में उचित प्रदर्शन इकाइयां स्थापित करें।
सुनियोजित खेती, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और ड्रोन प्रौद्योगिकी जैसी नवीनतम तकनीकों को लागू करने में किसानों की सहायता करें।
डॉ विजय प्रकाश ने कहा कि खेती को लाभदायक बनाने की दिशा में तकनीकी हस्तांतरण में कृषि विज्ञान केन्द्रों का महत्वपूर्ण योगदान है।
कृषि विज्ञान केंद्रों अपने यहां इस प्रकार कार्य योजना तैयार करें जिससे क्षेत्र का किसान अधिक से अधिक लाभान्वित हो। क्षेत्र की जलवायु परिस्थितियों के अनुरूप नवाचारी कृषि के लिए किसानों के प्रशिक्षण आयोजित हों।
इस दौरान सभी केवीके द्वारा प्रस्तुत कार्ययोजना की समीक्षा कर आवश्यक सुझाव दिए गए। विभिन्न क्षेत्रों में फसलों उत्पादन में आ रही समस्याओं पर विचार विमर्श किया गया। मिश्रा ने कहा कि क्षेत्र वार किसानों को फसल उत्पादन में आ रही विभिन्न समस्याओं विशेष तौर पर कीट, रोग आदि को चिन्हित कर समाधान उपलब्ध करवाने की दिशा में आगे बढ़े। फील्ड गतिविधियों पर जोर दिया जाए।
निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ नीना सरीन ने कहा कि किसानों को फार्मिंग में आ रही समस्याओं को दूर करने में सहयोग हेतु सीधा और सतत संवाद आवश्यक है। किसानों से संवाद बनाए रखें। विश्वविद्यालय के 7 केवीके सहित कुल 10 कृषि विज्ञान केंद्रों के प्रतिनिधियों और वैज्ञानिकों ने चर्चा में हिस्सा लिया।

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