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बीकानेर, कृषि अनुसंधान केन्द्र में आज भारतीय कृषि कौशल परिषद, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित 21 दिवसीय जैविक उत्पादक विषय पर एवं आत्मा, जयपुर योजनान्तर्गत समन्वित कृषि प्रणाली विषय पर 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि, कुलपति प्रो. रक्षपाल सिंह ने वर्तमान समय में जैविक खेती की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए, वर्तमान में उर्वरक खपत, रासायनिक खादों एवं पेस्टीसाइडो द्वारा होने वाली हानियों के साथ-साथ जैविक खेती के माध्यम से स्वस्थ जीवनयापन के बारे में विस्तार से बताया। निदेशक अनुसंधान प्रो. पी. एस. शेखावत ने प्रशिक्षण के उद्वेश्यों, रूपरेखा के साथ जैविक खेती प्रशिक्षण के महत्व को बताते हुए, जैविक खेती के लाभ, जैविक उत्पादो की गुणवत्ता के बारे में विस्तृत चर्चा की। क्षेत्रिय निदेशक अनुसंधान ने जैविक उत्पादक प्रशिक्षण एवं आत्मा अन्तर्गत समन्वित कृषि प्रणाली के महत्व के बारे में विस्तृत चर्चा की। प्रशिक्षण में जैविक उत्पादक प्रशिक्षण में चुरू, बीकानेर एवं जैसलमेर के 20 प्रशिक्षाणार्थीए एवं ‘समन्वित कृषि प्रणाली’ में जयपुर जिले के 30 प्रशिक्षाणार्थी भाग ले रहे है। कार्यक्रम में कृषि अनुसंधान केन्द्र के डॉ. पी.सी. गुप्ता, डॉ. रणजीत सिंह एवं डॉ. अमर सिंह गोदारा व कृषि महाविद्यालय के डॉ. प्रमेन्द्र सिंह एवं डॉ. सुशील खारिया उपस्थित रहे। इस अवसर पर मंच संचालन डॉ. बी. डी. एस. नाथावत ने किया तथा डॉ. रणवीर यादव ने सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।

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