बीकानेर,पाक विस्थापित नागरिकों, ग्रामीण क्षेत्रों की जरूरतमंद महिलाओं तथा किशोर गृह के आवासितों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के उद्देश्य से इन्हें विभिन्न कौशल प्रशिक्षण प्रदान किए जाएंगे।
जिला कलक्टर नमित मेहता ने गुरुवार को राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम (आरएसएलडीसी) की बैठक के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि आरएसएलडीसी द्वारा इन श्रेणियों के प्रशिक्षण योग्य लोगों का चिन्हीकरण किया जाए तथा इन्हें प्रदान किए जा सकने वाले संभावित प्रशिक्षण कार्यों की सूची तैयार की जाए। इन्हें आरएसएलडीसी के अलावा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, राजीविका, आरसेटी तथा ग्रामीण विकास सहित विभिन्न विभागों की कौशलपरक परियोजनाओं से जोड़ा जाए। उन्होंने आरएसएलडीसी के तहत गत दो वर्षों में प्रदान किए गए प्रशिक्षणों के बाद विभिन्न कंपनियों में नियोजित युवाओं की सूची उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। साथ ही भविष्य में इससे सम्बन्धित समूचा रेकॉर्ड जिला स्तर पर संधारित करने को कहा। उन्होंने बताया कि आरएसएलडीसी के अधीन कार्यरत सात कौशल विकास केंद्रों के एक-एक ‘स्टार परफॉर्मर स्टूडेंट’ को जिला स्तरीय बैठक में सम्मानित किया जाएगा। आरएसएलडीसी द्वारा वर्तमान में संचालित किए जा रहे विभिन्न प्रशिक्षणों के बारे में जाना तथा अधिक से अधिक नए प्रशिक्षण प्रारंभ करवाने के निर्देश दिए, जिससे युवाओं को इनका अधिकतम लाभ मिल सके।
अतिरिक्त जिला कलक्टर (नगर) अरुण प्रकाश शर्मा ने विभिन्न कौशल विकास केंद्रों द्वारा अब तक प्रदान किए गए प्रशिक्षणों की समीक्षा की।
आरएसएलडीसी के प्रबंधक राम कुमार ने बताया कि कोविड-19 से संबंधित छह कौशल पाठ्यक्रम तैयार किए गए हैं। इनका उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त में भागीदारी रहेगा। इन प्रशिक्षणों के लिए स्वीकृति जारी हो चुकी हैं।
बैठक में सहायक निदेशक (रोजगार) हरगोविंद मित्तल, आईटीआई कॉलेज प्राचार्य हुकम सिंह, जिला उद्योग केंद्र के सहायक निदेशक सुरेंद्र कुमार सहित कौशल विकास केंद्रों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।