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बीकानेर, गोचर संरक्षण के लिए चार दिवारी के साथ गोचर में चारागाह विकास, वनस्पति औऱ वन्य जीवों के संरक्ष्ण की रविवार को सरेह नथानिया गोचर स्थित हनुमानजी मन्दिर पर बैठक में विचार किया गया। इस बैठक में गोचर विकास की संयुक्त समिति के अलावा गोचर आंदोलन का नेतृत्व कर रहे देवी सिंह भाटी, बृज नारायण किराडू, महावीर रांका, निर्मल बरडिया अजय पुरोहित, बंशी लाल तंवर समेत विभिन्न क्षेत्रों से आए प्रतिनिधि लोग शामिल हुए।। बैठक में गंगाशहर स्थित गोचर पर अगले रविवार से चार दिवारी बनाने के लिए भूमि पूजन का निर्णय किया गया। अब बीकानेर नगर से सटी तीन क्षेत्र की 38 हजार बीघा गोचर में चल रहे विकास कार्यों का विवरण प्रस्तुत किया गया।। बैठक में देवी सिंह भाटी ने कहा कि सरकार गोचर, ओरण, जोहड़ पायतन व बहाव क्षेत्र को अवाप्ति से मुक्त रखें। भाटी ने कहा सरेह नथानिया में गोचर में वर्षा जल संरक्ष्ण का मॉडल बनाया जाएगा। जिसे देखकर आस पास के गोचर में भी लोग वर्षा जल का संरक्ष्ण कर सके। इस दौरान निर्मल बरड़िया ने चारागाह विकास का गंगाशहर में स्थापित एकीकृत मॉडल की विस्तार से जानकारी।जिसमें गोचर में प्राकृतिक रूप से होने वाली वनस्पतियों के बीज विस्तार, गोचर भूमि प्रबन्धन, अनुपयोगी वनस्पति का निस्तारण, गोचर में अवैध रूप से मन्दिरों का निर्माण, अतिक्रमण, शिकारी कुत्तों की समस्या समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई। बैठक में सझाव दिया गया कि गोचर, ओरण, जोहड़ पायतन को लेकर राज्य सरकार के नीति निर्देश तथा अदालतों के निर्णयों को सरकार धरातल पर लागू करें। गोचर संरक्षण में जन जन अपनी भूमिका निभाए।इस मुद्दे पर राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर मंथन किया जाए। अजय पुरोहित ने कहा कि गोचर को संरक्षित रखने की जिम्मेदारी सरकार की है। बंशी तंवर, महावीर रांका ने भी विचार रखे। मन्नू बाबू सेवग, राव, मूल चन्द सामसुखा, मोहन सिंह नाल, प्रदीप सिंह, महावीर गहलोत ने शिरकत की।

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