बीकानेर,।राज्य में 24 अक्टूबर को होने वाली पटवारी भर्ती परीक्षा के आयोजन के दिन ही करवा चौथ होने की वजह से उक्त परीक्षा में महिला शिक्षिकाओं की सुबह 8.30 से शाम 5.30 तक वीक्षक डयूटी लगाने को लेकर प्रदेश की महिला अध्यापिकाओं में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) की प्रदेश महिला मंत्री डॉ अरुणा शर्मा ने बताया कि 24 अक्टूबर को करवा चौथ पर तकरीबन 60 हजार शिक्षिकाओं को पटवारी भर्ती परीक्षा में वीक्षक ड्यूटी में लगाया जाना है।बिन अन्न-जल ग्रहण कर चंद्र दर्शन के बाद वृत खोलने के इस महाव्रत के दिन ही आयोजित होने वाली पटवारी भर्ती परीक्षा में महिला शिक्षको की वीक्षक ड्यूटी लगाना अत्याचार करने जैसा है।ऐसे में महिला शिक्षिकाओ को वीक्षक ड्यूटी से मुक्त रखा जाना चाहिए।
राजथान शिक्षक संघ(राष्ट्रीय) के प्रदेश अतिरिक्त महामंत्री रवि आचार्य ने बताया कि करवा चौथ के दिन महिला शिक्षिकाओं के साथ कई पुरुष शिक्षको की ड्यूटी भी वीक्षक कार्य मे है। चंद्र दर्शन व अपने पति की पूजा के बिना इन शिक्षिकाओं का वृत्त खोलना संभव नही होगा। ऐसे में उक्त पटवारी भर्ती परीक्षा 24 अक्टूबर के बजाय 25 अक्टूबर को आयोजित करवाना उचित होगा
संगठन के प्रदेश महामंत्री अरविंद व्यास ने कहा कि राज्य में खेलकूद प्रतियोगिताए भी चल रही है जिसमे शारिरीक शिक्षको को लगाया हुआ है । महिलाएं अपने सांस्कृतिक प्रर्व की भावनाओं से जुड़ी है इसलिए परीक्षाओं की तिथियों पर पुर्नविचार करना चाहिये।
संगठन के प्रदेशाध्यक्ष सम्पतसिंह ने कहा कि पटवारी भर्ती परीक्षा में अध् यापिकाओं के अतिरिक्त परीक्षा में भाग इन वाले कई दंपत्ति भी शामिल होंगे। इन सभी को राहत दिया जाना उचित होगा।
संगठन के प्रदेश संगठन मंत्री प्रहलाद शर्मा ने बताया कि संगठन ने राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर करवा चौथ के दिन 24 अक्टूबर को आयोजित होने जा रही पटवारी भर्ती परीक्षा की तिथि परिवर्तित करने अथवा महिला शिक्षिकाओं को वीक्षक ड्यूटी से मुक्त करने की मांग की है।
नगर मंत्री नरेंद्र आचार्य ने कहा कि
दिनभर करवा चौथ का व्रत रखते हुए हार्ड ड्यूटी करवाई जानी उचित नही है।
गौरतलब है कि राज्य की दूसरी सबसे बड़ी परीक्षा पटवारी भर्ती परीक्षा में 5378 पदों के लिए सबसे ज्यादा आवेदन आए हैं। इस परीक्षा के लिए पूरे राज्य में 15.50 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है।
परीक्षा दो पारियों में आयोजित की जाएगी।
प्रदेश सयुक्त मंत्री सुरेश व्यास ने कहा कि महिलाओं को मुक्त रखा जाय या परीक्षा तिथि में परिवर्तन हो ताकि सांस्कृतिक व्रत में करीब भूखी प्यासी अद्यपिकाये तनाव में न आये इसलिए सरकार को तत्काल फैसला लेना चाहिये या जिला प्रशासन व विभाग से वीक्षक के रूप में अन्य कार्मिकों की सेवाओं को लेने का निर्णय लिया जाना चाहिये।