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बीकानेर,उत्तर पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल पर फलोदी-जैसलमेर रेलखण्ड एकमात्र बचा हुआ रेलखण्ड है, जिस पर पारम्परिक सेमाफोर सिग्नलिंग (भुजा वाले सिग्नल) लगे हुये है। इस नवीनतम आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक के साथ बहु संकेतीय कलर लाइट सिग्नलिंग से बदलकर संरक्षा में वृद्धि होगी।

उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार जैसलमेर-फलोदी खंड के 09 स्टेशनों पर यांत्रिक सेमाफोर लोअर क्वाड्रेंट सिग्नलिंग का बहुत पुरानी सिंग्नलिंग प्रणाली कार्यरत है। इस प्रणाली में तारों का उपयोग करके सिग्नल लीवर से संचालित होते हैं तथा ट्रेन की गति स्टेशन यार्ड में संरक्षा की दृष्टि से केवल 50 किमी प्रति घंटे तक सीमित रहती है। इस सिग्नलिंग प्रणाली में अगले स्टेशन तक जाने के लिए लोको पायलट को अधिकार के रूप में बॉल टोकन प्रदान किया जाता है। स्टेशनों पर कोई ट्रैक सर्किट नहीं होता है तथा ट्रेन आगमन और प्रस्थान सुविधा की स्वचालित रिपोर्टिंग के लिए डाटा लॉगर भी नहीं होता है। यह सिग्नलिंग प्रणाली विद्युतीकरण के लिए भी उपयुक्त नहीं है। यह प्रणाली उत्तर पश्चिम रेलवे के ब्रॉड गेज रेलखण्डों पर सेमाफोर सिग्नलिंग वाला एकमात्र बचा हुआ खंड है।

महाप्रबन्धक उत्तर पश्चिम रेलवे, श्री विजय शर्मा द्वारा संरक्षा एवं सुरक्षा की दृष्टि से यह निर्णय लिया गया है कि नवीनतम आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग के साथ बहुसंकेतीय कलर लाइट सिग्नलिंग लगाई जायेगी। नवीन सिंग्नलिंग व्यवस्था से 50 किमी प्रति घंटे की मौजूदा गति की तुलना में यार्ड में ट्रेनों की अधिकतम गति को भी बढ़ाकर 100 किमी प्रति घंटे किया जाएगा। सभी स्टेशनों पर दो रेलगाड़ियों को एक साथ आगमन एवं प्रस्थान सुविधा प्रदान की जाएगी जिससे स्टेशनों पर क्रॉसिंग का समय कम हो जाएगा। इसके अलावा उच्च उपलब्धता वाले डिजिटल एक्सल काउंटर के साथ टोकन रहित ब्लॉक पैनल का प्रावधान भी किया जायेगा, जिससे टोकन लेने-देेने में लगने वाले समय में बचत के साथ ही ट्रेन संचालन अधिक संरक्षित एवं सुरक्षित हो जायेगा। ट्रेन के आगमन/प्रस्थान के समस्त कार्यों में मैनुअल कामकाज को समाप्त कर ऑटोमेटिक कर दिया जायेगा। यह कार्य सभी सिग्नलिंग इंस्टॉलेशन को विद्युतीकरण के लिए भी उपयुक्त बना देगा। इस प्रकार नवीनतम सिग्नलिंग प्रणाली के प्रावधान से सुरक्षा कई गुना बढ़ जाएगी और ट्रेन के संचालन के समय में भी कमी होगी।

उपरोक्त रेलखण्ड के दो स्टेशनों मारवाड़ बीठडी और मारवाड़ खारा पर यह कार्य पहले ही पूरा किया जा चुका है। 04 स्टेशनों पर आधुनिकीकरण के इस कार्य को मार्च 2022 तक पूरा कर लिया जायेगा। और शेष तीन स्टेशनों को अगले वित्तीय वर्ष में पूरा कर लिया जाएगा। इस कार्य के पूर्ण हो जाने के बाद उत्तर पश्चिम रेलवे के समस्त ब्रॉड गेज खण्ड पर कोई सेमाफोर सिगनलिंग नहीं रहेगी तथा नवीनतम आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक के साथ बहु संकेतीय कलर लाइट सिग्नलिंग व्यवस्था हो जायेगी।

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