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बीकानेर,बीकानेर पूर्व विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी की चौथी बार प्रत्याशी सिद्धि कुमारी ने अपने मुख्य चुनाव कार्यालय में बुलाई प्रेस कान्फ्रेस और स्नेह मिलन समारोह में पत्रकारों के सवालों का ठीक से जवाब नहीं दे पाई। वे अधिकांश सवालों को टालती रही। पत्रकारों ने उनकी निष्क्रियता, संपत्ति विवाद और अगले जीत के बाद बीकानेर के विकास के विजन को लेकर सवाल पूछे। वो किसी सवाल का संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई। उनके बचाव में सत्य प्रकाश आचार्य ने पत्रकारों के मूल सवालों से ध्यान भटका कर नए मुद्दे क्रिएट करने की कोशिश की। वहीं एडवोकेट मुमताज अली भाटी ने संपति विवाद का जवाब दिया। दरअसल यह प्रेस कान्फ्रेस विधायक की भूमिका में सिद्धि कुमारी की असलियत खोलती है। तीन बार की विधायक सिद्धि कुमारी अगर जनता के बीच जाती और जनहित के मुद्दों पर काम करती तो उनकी यह हालत नहीं होती। प्रेस के सामने उनकी स्थिति बहुत शर्मसार करने वाली रही। आप विधायक है और अपने पक्ष की बात ही नहीं रख पा रही हैं तो जनता के मुद्दों का कैसे पैरवी करेंगी? विषयों और मुद्दों पर आपकी पकड़ नहीं है। जनहित की समझ नहीं है तो क्यों राजनीति करती हैं? बिना जनता के बीच जाए बिना यह समझ विकसित नहीं हो सकती। इस बार भी उनके समर्थक सिद्धि कुमारी के रिकार्ड वोटो से जीतने का दावा कर रहे हैं। चुनाव परिणाम क्या होगा यह तो मतपेटी खुलने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। अगर सिद्धि कुमारी फिर जीत भी जाती है तो तीन बार के विधायक काल में जनता के मनों में बनी उनकी छवि वो बदल सकती है क्या? वे जनता का क्या भला करेगी? जनता के बीच जाए बिना वे जीत भले जाएं लोकप्रिय नेता नहीं बन सकती। और न ही पत्रकारों के सवालों का जवाब दे सकती हैं। क्या यह बात सही नहीं है?

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