बीकानेर,जयपुर के वरिष्ठ समाजसेवी रवि शंकर धाभाई ने ई-मेल के माध्यम से डॉ पी डी बघेला अध्यक्ष टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया प्राइस एवं ह्यूमन राइट्स कमीशन के जनरल सेक्रेटरी चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफीसर, केंद्रीय संचार मंत्री एवं केंद्रीय संचार राज्य मंत्री एवं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान को एक मांग पत्र भेजकर राजस्थान में रीट की प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान इंटरनेट बंद करने से आमजन को हुई परेशानियों के बाबत एक मांग पत्र भेजा है । समाजसेवी रवि शंकर धाभाई ने पत्र में उल्लेख किया है कि प्रतियोगी परीक्षाओं के आयोजन के दौरान इस प्रकार इंटरनेट को बंद करना मानव अधिकार का उल्लंघन है और इंटरनेट को देश की सुरक्षा, सिर्फ पब्लिक इमरजेंसी एवं पब्लिक सुरक्षा के लिए बंद किया जा सकता है लेकिन इस प्रकार की प्रतियोगिता परीक्षाओं में नकल ना हो के कारण इंटरनेट का बंद करना सरासर गलत है।*
*समाजसेवी रविशंकर धाभाई ने अपने पत्र में बताया कि इंटरनेट आवश्यक सेवाओं में शामिल है और इंटरनेट बंद करने से नकल नहीं रुक रही है सरकार को परीक्षा का तरीका बदलना होगा और दूसरा रास्ता एवं माध्यम तलाशना होगा क्योंकि नेट बंद करने के कारण जन मानस को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और वित्तीय, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन एवं मरीज अस्पतालों में उपचार सुविधाओं के लिए मरीजों की रिपोर्ट इत्यादि एवम ऑनलाइन अपॉइंटमेंट नहीं ले पाते हैं और कई प्रकार की आम जन जीवन से जुड़ी हुई सभी आवश्यक सुविधाओं पर सीधा बुरा असर पड़ता है ।*
*सामाजिक कार्यकर्ता रवि शंकर धाभाई ने बताया कि इंटरनेट बंद करने से देश की इकोनॉमी और आम नागरिक के ऊपर काफी खराब प्रभाव पड़ता है और व्यापारियों एवम बेरोजगार युवाओं को को नेट की उपलब्धि नहीं होने के कारण काफी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है । नेट को बंद करने से घर से काम करने वाले व्यक्तियों के ऊपर और डिजिटल पेमेंट, वेब चेक इन, एयर ट्रैवल व्यापार, मनोरंजन आम लोगों का एयरपोर्ट से रेलवे स्टेशन और अस्पतालों के लिए कैब बुक नहीं कर पाते हैं और इस महामारी के दौर में विद्यार्थी ऑनलाइन क्लासेस नहीं अटेंड कर पाते हैं, मेडिकल परामर्श और इससे ही व्यापारियों को काफी प्रभावित होता है । इन सभी परेशानियों को देखते हुए सामाजिक कार्यकर्ता रविशंकर धाभाई ने मांग उठाई है कि भविष्य में इस प्रकार से प्रतियोगी परीक्षाओं के के कारण नेट बंद नहीं किया जाए ।*
*इस पत्र की प्रतिलिपि राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र इत्यादि को आवश्यक कार्रवाई हेतु भेजी है ।*