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बीकानेर, अखिल भारतीय साहित्य परिषद राजस्थान के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉक्टर रवीन्द्र कुमार उपाध्याय द्वारा पौधारोपण के माध्यम से  भारत में सांस्कृतिक चेतना जागृत करने के उद्देश्य से वीर प्रसूता मेवाड़ धरा से कल्पवृक्ष के जोड़े लाकर मारवाड़ में  बीकानेर के राजकीय मंदिर श्रीकरणी माताजी भैरूंजी सूरसागर परिसर में पंडित कृष्णमुरारी मिश्रा , पप्पू राजपुरोहित, बागवान यूनुस खान के सानिंध्य में कल्प वृक्ष के पौधे लगाए।
अखिल भारतीय साहित्य परिषद राजस्थान के जोधपुर प्रांत अध्यक्ष  अखिलानंद पाठक ने बताया कि साहित्य परिषद द्वारा साहित्य संरक्षण के साथ-साथ पौधारोपण के द्वारा भी सनातन भारत की गौरवमयी सांस्कृतिक चेतना को जागृत किया जा रहा है,  जिसके अंतर्गत विभिन्न मंदिरों में कल्पवृक्ष के पौधे लगाकर लोगों को सनातन धर्म,  संस्कृति और सनातन राष्ट्र भारत के बारे में बताया जा रहा है।
इस अवसर पर साहित्य परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. उपाध्याय ने कहा  कि सनातन धर्म में कल्पवृक्ष जैसे पौधे साढ़े तीन हज़ार साल तक जिंदा रहते हैं। कुछ नादान लोग ऐसे सनातन धर्म को ही समाप्त करना चाहते हैं, जहां की वनस्पति का एक अकेला पेड़ ही हजारों साल तक जिंदा रहता है।  अतः सनातन धर्म के समाप्त होने की कोई संभावना नहीं है,  किंतु सनातन धर्मावलंबियों की सनातन धर्म के प्रति उदासीनता और सनातन संस्कृति के प्रति संवेदनहीनता चिंता का विषय है। मंदिर के मुख्य पुजारी कृष्णमुरारी मिश्रा ने भक्तों के साथ कल्प वृक्ष की पूजा अर्चना के साथ सभी का आभार ज्ञापित किया।

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