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बीकानेर,राम नवमी के अवसर पर नत्थुसर बास स्थित स्वामी निवास पर “भगवान श्री राम के जीवन से शिक्षाएं” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया l इसके अंतर्गत भगवान श्री राम के जीवन चरित्र पर विभिन्न विद्वानों ने अपने महत्वपूर्ण विचार रखें l संगोष्ठी के मुख्य अतिथि एक्स प्रिंसिपल, चिंतक व लेखक प्रोफेसर डॉ. नरसिंह बिनानी थे एवं अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार एवं चिकित्सक डॉ. शंकरलाल स्वामी ने की l  विशिष्ट अतिथि साहित्यकार श्रीमती राधा देवी वैष्णव थी l संगोष्ठी के प्रारंभ में अतिथियों द्वारा मां सरस्वती एवं राम दरबार के तेल चित्र पर पुष्पाहार एवं श्रीफल अर्पण कर पूजन किया गया l
इस अवसर पर कार्यक्रम अध्यक्ष, वरिष्ठ साहित्यकार एवं चिकित्सक डॉ. शंकरलाल स्वामी ने अपना अध्यक्षीय उद्बोद्धन देते हुए कहा कि विचार गोष्ठी का विषय समसामयिक महत्व का है l उन्होंने कहा किक मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का जीवन मनुष्यों के लिए एक आदर्श और प्रेरणादायक है। डॉ. स्वामी ने कहा कि श्री राम का वनवास जाना उनकी सोची समझी रणनीति थी l श्री राम का चरित्र हमें जीवन में आने वाले कष्ट सहन करने की शक्ति प्रदान करता हैं। मित्र प्रेम और भाई बंधुओं से प्रेम की शिक्षा राम के जीवन का अंग रहे हैं। डॉ. स्वामी ने कहा कि आज राम का जीवन, हमारे जीवन को संबल प्रदान करता है। उनका आदर्श जीवन हमें सदियों तक प्रेरणा देता रहेगा।
संगोष्ठी के मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए एक्स प्रिंसिपल, चिंतक व लेखक प्रोफेसर डॉ. नरसिंह बिनानी ने कहा कि भगवान श्री राम एक आदर्श पुरुष थे l उनका जीवन चरित्र अत्यंत महान था l प्रोफेसर बिनानी ने कहा कि साहस, विवेक, विनय, विद्या, सत्यनिष्ठा आदि गुण श्री राम के चरित्र से सीखे जा सकते हैं l ‘सभी काम राम भरोसे’ यानी भगवान के प्रति अटूट विश्वास सीखाता है। प्रोफेसर डॉ. बिनानी ने कहा कि भगवान श्री राम के विशिष्ट गुणों के कारण ही उन्हें मर्यादा पुरूषोत्तम नाम से भी स्मरण किया जाता है ।
विचार गोष्ठी की विशिष्ट अतिथि साहित्यकार श्रीमती राधा देवी वैष्णव ने कहा कि भगवान श्री राम हमारी सभ्यता व संस्कृति के प्रतीक है l  इस अवसर पर इंजीनियर दिनेश वैष्णव ने गोष्ठी के विषय पर विस्तार से अपने विचार रखें l संगोष्ठी में अनेक गणमान्यजन उपस्थित थे l संगोष्ठी के अंत में खुशी वैष्णव ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया l गोष्ठी का संचालन दिव्या कुमारी ने किया

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