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बीकानेर। श्री जैन श्वेताम्बर तपागच्छ श्री संघ के तत्वावधान में चातुर्मासिक आयोजन के तहत रांगड़ी चौक स्थित पौषधशाला में व्याख्यान निरंतर जारी है। सोमवार को साध्वी सौम्यप्रभा ने कहा कि नियति में जो लिखा है वह होकर रहता है, जो निश्चित है उसे रोक पाना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि दुखों से बचना है तो पापकर्म से दूर रहो। छोटी-छोटी हिंसा भी दुखों का कारण बनती है। संतों-महात्माओं की सेवा साक्षात् परमात्मा की सेवा करना है। संत-महात्माओं की सेवा व सान्निध्य हमें बुरे कर्मों से दूर करती है। व्याख्यान के दौरान संघ की ओर से तपस्वी शारदा कोचर धर्मपत्नी सरदारमल कोचर तथा तपस्वी जिनेश कोचर पुत्र अमित कोचर के तप का बहुमान सुमित कोचर, शांतिलाल कोचर, कुसुम बद्धाणी द्वारा अभिनंदन किया गया। आज की संघपूजा गुप्त रही।

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