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बीकानेर,केईएम रोड़ की नई पार्किंग व्यवस्था को लेकर दुकानदारों का विरोध बढ़ता ही जा रहा है। आज दुकानदार विरोध प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतर आए। दुकानें बंद करवा दी गई। पुलिस प्रशासन के विरोध में नारेबाजी की गई।

दरअसल, रेलवे फाटक के जाम व केईएम रोड़ के ट्रैफिक से आमजन को राहत दिलवाने के लिए प्रशासन ने ट्रैफिक की नई व्यवस्था शुरू की है। इसके तहत कोटगेट से लेकर केईएम रोड़ व सांखला फाटक क्षेत्र में वन-वे व्यवस्था शुरू कर दी गई। इस व्यवस्था का भी कुछ व्यापारियों ने विरोध किया मगर संभागीय आयुक्त नीरज के पवन ने अपना रुख स्पष्ट किया तो व्यापारियों की बात नहीं बनी। अब सुधार की इसी प्रक्रिया में पार्किंग हेतु भी नई व्यवस्था बनाई गई है। इसके तहत केईएम रोड़ पर वाहन पार्क नहीं किए जा सकते। दुकानदारों व ग्राहकों दोनों के लिए ही रतन बिहारी पार्क में पार्किंग सुविधा शुरू की गई है। दुकानदार इस पार्किंग व्यवस्था का विरोध कर रहे हैं। आज केईएम रोड़ पर वाहन पार्क किए गए तो पुलिस ने वाहन जब्त कर लिए। इसके बाद विरोध तीव्र हो गया। व्यापारी सड़कों पर उतर आए। उनका कहना है कि पार्किंग काफी दूर होने से ग्राहक ही दुकानों पर नहीं पहुंच रहे हैं। उनका काम धंधा ठप हो रहा है। ग्राहकों के लिए पार्किंग की व्यवस्था केईएम रोड़ पर ही करने की ज़िद की जा रही है। वहीं दूसरी ओर नीरज के पवन का रुख साफ दिख रहा है। व्यापारियों की मांगे मानने के मूड में बिल्कुल नहीं लग रहे हैं। अगर यह नाजायज मांग मानी तो फिर से वही ढ़ाक के तीन पात वाली कहानी हो जाएगा।ग्राहकों की सुविधा हेतु मुफ्त ई-रिक्शा: वन-वे व पार्किंग की नई व्यवस्था के साथ ही प्रशासन ने एक ई-रिक्शा भी केईएम रोड़ पर लागाया है। यह ई-रिक्शा ग्राहकों को रतनबिहारी पार्क से दुकान तक पहुंचाएगा व वापिस रतनबिहारी पार्क तक छोड़ेगा। हालांकि एक ई-रिक्शा से कुछ नहीं होने वाला। प्रशासन का कहना है कि धीरे धीरे ई-रिक्शा की संख्या बढ़ा दी जाएगी।

आखिर कब सुधरेंगे हालात हमारे बीकानेर के: नई व्यवस्था को लेकर दुकानदारों का यूं विरोध करना सवाल खड़े कर रहा है। आखिर अब तक यही तो होता आया है। इन्हीं विरोधों की वजह से आज तक रेलवे फाटक की समस्या का समाधान नहीं हुआ। वर्षों से रेलवे फाटक पर राजनीति होती आई है। कांग्रेस रेलवे बाईपास के विकल्प पर सहमत रही, मगर रेलवे‌ ने असहमति जताई। कहा कि रेलवे‌ स्टेशन शिफ्ट नहीं होगा। बीजेपी ने एलिवेटेड रोड़ का समर्थन किया। वसुंधरा राजे सरकार ने रोड़ पास भी की मगर तब तक सरकार बदल गई। कलेक्टर नमित मेहता ने भी प्रयास किए। रेलवे अंडरब्रिज की दिशा में सर्वे शुरू करवाया मगर सर्वे पूरा होने से पहले उनका तबादला हो गया। अब संभागीय नीरज के पवन ने चौथे विकल्प के तौर पर वन-वे व नो पार्किंग जोन स्थापित किया है। रतन बिहारी पार्क को पार्किंग स्थल के रूप में शुरू किया है। ग्राहकों को पैदल लंबी दूरी तय नहीं करनी पड़े इसलिए रतन बिहारी पार्क से दुकान और दुकान से रतन बिहारी पार्क तक फ्री ई-रिक्शा की सुविधा भी शुरू की है। रिक्शा की संख्या भी धीरे धीरे बढ़ाई जाएगी। बता दें कि रेलवे बाईपास, एलिवेटेड रोड़ व अंडर ब्रिज के बेहतर विकल्प नई ट्रेफिक व पार्किंग व्यवस्था है। ऐसे में दुकानदारों को अपने हितों के लिए शहर की प्रगति और राहत में बाधा नहीं बनना चाहिए।अब देखना यह है कि नाजायज विरोध के सामने संभागीय आयुक्त अपना फैसला बदलते हैं या आमजन हितार्थ व्यवस्था सुचारू रखते हैं।

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