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बीकानेर,भारतीय कॉइन एक्ट के तहत भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से जारी किए गए एक और दो रुपए के सिक्के विधि मान्य मुद्रा है। लेकिन दुकानदार ग्राहकों से सिक्के लेने से इनकार कर देते हैं। इसे गम्भीरता से लेते हुए कलेक्टर ने सिक्के लेने से इनकार करने पर कार्रवाई के निर्देश दिए।

ढाई हजार रुपए की खरीदारी की। कुछ दुकानदारों ने पहली बार में ही सिक्के स्वीकार कर लिए। लेकिन ज्यादातर ने सिक्के लेने से साफ इनकार कर दिया। दुकानदार बोले, कैश नहीं है तो पेटीएम कर दो। सिक्के हमारे किसी काम के नहीं है। क्योंकि बैंक नहीं लेता।

सादुल सिंह सर्किल पर ज्यूस पीने के बाद दुकानदार को पेमेंट के तौर पर दो गिलास के बदले एक-एक रुपए के 40 सिक्के दिए। उसने साफ मना कर दिया। पेटीएम करने पड़े। स्टेशन रोड पर स्थित स्टेशनरी वाले को भी 700 रुपए पेटीएम करने पड़े। पेट्रोल पंप वाले ने भी सिक्के लेने से साफ इंकार कर दिया। जबकि रतन बिहारी पार्क के सामने 30 सिक्के देकर जुराब खरीदे। एेसे ही हालात बैंक में नजर अाए। कैश काउंटर पर 100 रुपए से अधिक के सिक्के लेने से मना कर दिया गया।

भिखारी भी कहते हैं-नोट दे दो बाबू, सिक्का नहीं चलेगा
मंदिरों के बाहर और बाजार में घूमने वाले भिखारी भी सिक्के लेने से मना करते हैं। वे कहते हैं, 5 या 10 का नोट दे दो बाबूजी। दुकानदार और होटल वाले सिक्के नहीं लेते। दूसरी तरफ मुक्तेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी सुशील श्रीमाली ने बताया कि दुकानदार और ग्राहक दोनों ही सिक्के नहीं लेने से बचते हैं। मंदिर में चढ़ावे में आने वाले एक और दो के सिक्के वापस भक्तजनों को ही देते हैं।

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