बीकानेर,राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के पूर्व अध्यक्ष एवं राजस्थानी के वरिष्ठ साहित्यकार, मूर्धन्य रचनाकार श्री शिवराज छंगाणी जी के आकस्मिक निधन पर पूर्व प्राचार्य, चिंतक व लेखक प्रोफेसर डॉ. नरसिंह बिनानी ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। प्रोफेसर डॉ. बिनानी ने कहा कि श्री शिवराज छंगाणी एक उच्च कोटि के साहित्यकार थे। वे अत्यंत सरल, सहज एवं वात्सल्य भाव रखने वाले व्यक्तित्व के धनी थे। उनके निधन से बीकानेर ने एक ऐसे प्रखर व्यक्तित्व को खो दिया है, जिसकी क्षतिपूर्ति करना संभव नहीं है। छंगाणी जी ने अपने जीवनकाल में जिन अनेक कृतियों की रचना की वे हमारे लिए अमूल्य धरोहर है l
प्रोफेसर डॉ. बिनानी ने आगे कहा कि श्री शिवराज छंगाणी ने राजस्थानी साहित्य, शिक्षा, प्रौढ़ शिक्षा, साहित्य और पठन पाठन के साथ समाज के विकास को नई दिशा देने का महत्ती कार्य किया । श्री शिवराज छंगाणी का व्यक्तित्व युवाओं व नव रचनाकारों के लिए प्रेरणास्पद है l उनके साहित्य के क्षेत्र में दिए गए अवदान के लिए उन्हें हमेशा याद किया जायेगा