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बीकानेर,शिक्षा और रोजगार बचाओ संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल ने आज राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात कर आरएएस 2018 भर्ती परीक्षा की न्यायिक जांच कराने तथा भविष्य की परीक्षाओं में साक्षात्कार की अनिवार्यता खत्म करने की मांग की ।

समिति से जुड़े भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच ,सुरेंद्रसिंह शेखावत बीकानेर और विकास भास्कर फतेहपुर ने राजभवन में राज्यपाल को ज्ञापन देकर राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित आरएएस 2018 भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ी के मध्यनजर न्यायिक जांच की मांग की ।

समिति के सुरेंद्रसिंह शेखावत ने बताया कि आरएएस 2018 भर्ती परीक्षा में सत्ताधारी दल के प्रदेशाध्यक्ष और शिक्षा मंत्री के निजी रिश्तेदारों को परीक्षा में अवांछित लाभ के आरोप, साक्षात्कार के दौरान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की ट्रेप कार्यवाही , आरपीएससी भर्ती से सम्बंधित दलालों के वाट्सएप चेट सामने आने एवं मुख्य परीक्षा में शामिल हुए अभ्यर्थियों के कुछ विशेष सीरीज में से चयन का आंकड़ा आश्चर्यजनक रूप से बहुत अधिक होने से भर्ती परीक्षा के परिणामों की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हुए है । राज्य सेवाओं के लिए निष्पक्ष और सर्वश्रेष्ठ चयन का जिम्मा सम्भालने वाले राजस्थान लोकसेवा आयोग की साख पर संकट आना चिंताजनक है । इसलिए आरएएस 2018 भर्ती परीक्षा की न्यायिक जांच होने से राजनीतिक प्रभाव और भ्रष्टाचार की सच्चाई सामने आ सकेगी ।

समिति ने राज्यपाल को एक सुझाव पत्र भी सौंपा जिसमें भविष्य में होने वाली परीक्षाओं के निष्पक्ष और पारदर्शी आयोजन के लिए साक्षात्कार की अनिवार्यता खत्म करने , साक्षात्कार प्रक्रिया की रिकॉर्डिंग करवाकर सार्वजनिक प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराने एवं परीक्षा केंद्रों की व्यवस्था को ठीक करने बाबत सुझाव दिए गए है ।

राज्यपाल कलराज मिश्र ने प्रतिनिधिमंडल को उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया।

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