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बीकानेर,पिछले तीन /चार दिनों से आबादी से महज पांच सौ मीटर की दूरी पर ओरण में लम्पी से मृत गोवंश को खुले में फेंका जा रहा है।मृत गोवंश के शव की सड़ांध से सांस लेना भी दूभर हो गया है। लम्पी स्किन संक्रमण का खतरा मंडराने लगा है।

एक ओर जहां राज्य सरकार व जिला प्रशासन लम्पी स्किन डिजीज की रोकथाम के हर सम्भव प्रयास में जुटे है,वहीं देशनोक में स्थानीय निकाय महज़ तमाशबीन बना हुआ है।तमाम सरकारी निर्देशो के बावजूद पिछले चार दिनों से मृत गोवंश को खुले में फेंका जा रहा है।अबतक राजस्थान द्वारा स्थानीय प्रशासन को पूरी स्थिति से अवगत कराने के बावजूद अबतक मृत गोवंश को दफनाया नही गया है।कस्बे की बड़ी गौशाला भी जो सरकारी अनुदान के साथ-साथ बड़े भामाशाहों के योगदान से लबरेज़ है वो भी गौशाला की मृत गोवंश वहीं खुले में फेंक रहे है।

संक्रमण खतरे के राडार पर देशनोक

बरसात के मौसम व तेज़ी से फैल रहे लम्पी स्किन संक्रमण के बावजूद मृत गोवंश को आबादी से महज पांच सौ मीटर की दूरी पर खुले में फेंकना स्पस्टरूप से संक्रमण को न्यौता है।कस्बे की हज़ारों गोवंश ही नही बीस हज़ार से ज्यादा देशनोक की जन आबादी भी संक्रमण के खतरे की सीमा पर है।क्योंकि मृत गोवंश पर भिन भिनानेवाली मक्खियां व मच्छरों से मानव में संक्रमण की संभावना को भी नकारा नही जा सकता।

जिम्मेदारों का शर्मनाक रवैया

इतनी संवेदनशील परिस्थिति के बावजूद पालिका का मृत पशु ठेकेदार द्वारा धड़ल्ले से खुले में मृत गोवंश को फेंकना जारी है।गाय के नाम पर लाखो रुपए का चंदा उगाही करनेवाले तथाकथित गोभक्तो की जुबान भी खामोश है।राम और गाय के नाम पर वोट मांगनेवाले उन जनप्रतिनिधियों का ज़मीर तो क्या अंतरआत्मा तक लुप्त हो गई है।क्या यही लोकसेवक व जनसेवक का धर्म है?? अतिक्रमण के नाम पर गरीबो का आशियाना उजाड़ने में मशगूल पालिका मुखिया को एकबार भी संक्रमण का ख्याल नही आया ?संक्रमण की रोकथाम से ज्यादा जरूरी अतिक्रमण हटाना जरूरी था ?आपका यह रवैया आपको मानव होने की निम्नस्तरीय श्रेणी से भी वंचित करता है।

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