बीकानेर-रियासत कालीन परंपरा के अनुसार बीकानेर शाकद्वीपीय मग ब्राह्मण समाज ने आज नागणेची मंदिर प्रांगण में भजनों की प्रस्तुति देते हुए माता रानी को इत्र और गुलाल चरणों मे अर्पित किया साथ ही गुलाल उछालते हुए होली की अनुमति प्राप्त की उसके बाद देर रात को गेर निकाल कर शहर में होलका का आगाज किया
भाई बन्धु ट्रस्ट महामंत्री नितिन वत्सस ने बताया कि आज माता रानी नागणेची के प्रांगण में शाकद्वीपीय समाज ने शाम ढलते ही भजनों के साथ माता के चरणों में धोक लगाई और
हंस चढ़ी माँ आयी भवानी रे- सहाय करे सब देश की, पन्नो रे मारी जोड़ रो रे बीकोण रो बासी रे,
जोधाणूं सु बीज है मंगाए प्रेमरस री मेहंदी राचडली, जयपुर में बाजार में पड़ियो प्रेमजी बोर, आदि भजनों की प्रस्तुति देकर माता को रिझाया और रात्रि को 8 बजे इत्र गुलाल अर्पित कर माता से बीकानेर शहर में होली की अनुमति देने की अरदास की उसके बाद मंदिर प्रांगण में सभी भक्तो को गुलाल का टीका लगाकर गुलाल उछालकर बीकानेर शहर में होलका का आगाज किया
नितिन वत्सस ने बताया की भजनों की प्रस्तुति में शाकद्वीपीय समाज के साथ साथ मरुनायक मंडल के सदस्यो ने भी साथ निभाया जिसमे मुख्य रूप से सुशील सेवग, पुरषोत्तम सेवग, गेवर जी भादाणी, अजय कुमार देराश्री, मेघसा जोशी, दारसा जोशी,बलु जोशी, ,रघु जोशी, महेश जी गज्जानी, पुरषोतम सेवग, मनमोहन शर्मा, राजेश देराश्री, राजा जोशी मास्टर, नगाड़े पर रामजी सेवग, अशोक शर्मा चिराग सेवग ने संगत की| इस अवसर पर समाज के गणमान्य जन मौजूद थे
उसके बाद देर रात को गोगागेट से शाकद्वीपीय समाज द्वारा गेर निकाली गई जो बागडियो के मोहल्ले से होते हुए रामदेव मंदिर चाय पट्टी से बड़ा बाजार बैदो का चौक, मरुनायक चौक, होते हुए सेवगो के चौक में सम्पन्न हुई और बीकानेर शहर में परंपरागत रूप होलका का आगाज किया
गेर में परंपरागत रूप से ओ लाल केशा, पापड़ली, आदि गाये गए
आज समाज द्वारा सामूहिक प्रसादी का आयोजन किया गया
इसके साथ ही समाज के हंसावतो की तलाई, सूर्य भवन, जनेश्वर भवन, शिव शक्ति भवन, श्यामौजी वंशज प्रन्यास भवन ,में शकद्विपीय समाज के द्वारा सामूहिक प्रसाद का आयोजन हुआ