












बीकानेर,हिंदी-राजस्थानी भाषा के वरिष्ठ साहित्यकार राजेन्द्र जोशी की माताजी भंवरी देवी जोशी का बुधवार प्रातः निधन हो गया। वह 80 वर्ष की थी। रविवार को हृदयघात के पश्चात् उन्हें हल्दीराम मूलचंद कार्डियो वस्कुलर सेंटर में भर्ती करवाया गया था, जहां वरिष्ठ चिकित्सक डाॅ.पीटू नाहटा की देख रेख में ईलाज चल रहा था।
जहां बुधवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। बुधवार को ही चोखूंटी स्थित श्मशान गृह में उनका अंतिम संस्कार किया गया। चौखूंटी श्मशान गृह में ज्येष्ठ पुत्र राजेन्द्र जोशी ने उन्हें मुखाग्नि दी। शवयात्रा में शहर के अनेक महानुभाव शामिल हुए।
जोशी ने बताया कि भंवरी देवी समाचार पत्रों की नियमित पाठक थी। वे नियमित रूप से समाचार पत्रों का विश्लेषण करती। उन्होंने पूरे परिवार को एक सूत्र में बांधा। भवरी देवी जोशी अपने पीछे तीन पुत्रों का भरापूरा परिवार छोड़ गई हैं। उनके दूसरे पुत्र सुभाष जोशी शिक्षाविद और सामाजिक कार्यकर्ता है तथा सबसे छोटे पुत्र गिरिराज जोशी तैराकी कोच हैं। उनके पौत्र अनिल जोशी तीरंदाजी के अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षक हैं। जोशी के निधन पर अनेक लोगो ने शोक जताया है।
