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बीकानेर,बीकानेर के वरिष्ठ उर्दू शायर मौलाना अब्दुल वाहिद अशरफ़ी का आज रविवार दोपहर को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वे पिछले काफ़ी समय से कैंसर से पीड़ित थे और आचार्य तुलसी कैंसर अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था।
शायर क़ासिम बीकानेरी ने बताया कि मौलाना अब्दुल वाहिद ‘अशरफ़ी’ न सिर्फ एक बेहतरीन शायर थे बल्कि आलिम और हाफ़िज़ ए कुरआ़न भी थे। अआपने अनेक बच्चों को उर्दू एवं अरबी की शिक्षा देकर उनका भविष्य रोशन किया ।
आपकी तीन किताबें मंज़रे-आम पर आ चुकी हैं ।जिनमें राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर के आर्थिक सहयोग से हिंदी ग़ज़ल संग्रह ‘बनके ख़ुशबू बिखर गया कोई’ उर्दू ग़ज़ल संग्रह, ‘नख़्ले-सहरा’ और ‘वज़ु के तिब्बी फवाइद’ नाम से पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। आप अरबी उर्दू एवं फ़ारसी भाषा के अच्छे जानकार थे। अआपने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अनेक बच्चों को ता’लीम देकर उनके मुस्तक़बिल को रोशन किया। मौलाना अशरफ़ी साहब मूल रूप से हसनपुर जिला अमरोहा यूपी के रहने वाले थे और पिछले चार दशकों से भी लंबे समय से बीकानेर में इल्मो-अदब के क्षेत्र में उल्लेखनीय ख़िदमात अंजाम दे रहे थे। आप बज़्मे-फिक्रो-फ़न के अध्यक्ष थे। अआपने अनेक मुशायरों का आयोजन भी करवाया था। आपको अनेक संस्थाओं ने सम्मानित एवं पुरस्कृत किया था। पिछले साल आपको राजस्थान उर्दू अकादमी की तरफ से भी जयपुर में पुरस्कृत किया गया था।
उनका जनाज़ा आज शाम 6:00 बजे उनके निवास स्थान रामपुरा बस्ती से रवाना होकर बड़ी क़ब्रिस्तान पहुंचा और उन्हें ग़मगीन माहौल में बड़े क़ब्रिस्तान में सुपुर्दे-ख़ाक किया गया। उनके जनाज़े में शहर के अनेक क्षेत्रों के प्रबुद्ध जन शामिल हुए। उनकी नमाज़े जनाज़ा हाफ़िज़ क़ारी ज़ाकिर हुसैन सुलैमानी ने पढ़ाई। दुआ हाफ़िज़ मुनीम अहमद ने करवाई।जनाजा में तंजीम आईमा ए किराम बीकानेर के सदर मौलाना इकरामुद्दीन, हाफ़िज़ फ़रमान अली, हाफ़िज़ मुमताज, हाफ़िज़ उस्मान, सुन्नी दावत-ई-इस्लामी के मुब्बलगीन अज़ीज़ अहमद सुलेमानी, अब्दुल क़य्यूम, सईद भाई, मौलाना जावेद निज़ामी मौलाना तुफ़ैल अहमद, मौलाना इस्लामुद्दीन, मौलाना अहमद राजा,पूर्व महापौर हाजी मक़सूद अहमद, ग़ुलाम मुस्तफ़ा(बाबू भाई),पार्षद रमज़ान कच्छावा, पार्षद अब्दुल वाहिद बीकानेर शहर एंव जामसर,जलालसर, शोभासर घड़सीसर से लोग नमाज़े जनाज़ा में शामिल हुए ।
शायर ज़ाकिर अदीब, क़ासिम बीकानेरी, वली मोहम्मद ग़ौरी, इरशाद अज़ीज़,‌बुनियाद ज़हीन, अब्दुल जब्बार जज़्बी, मोइनुद्दीन मुइन,असद अली असद, डॉ. ज़िया उल हसन कादरी, माजिद ख़ान ग़ौरी ,मोहम्मद इस्हाक़ ग़ौरी, डॉ.मोहम्मद फ़ारूक़ चौहान, इसरार हसन क़ादरी, इमदादुल्लाह बासित, शाहिद अली, बुल्ले शाह, इस्माइल ग़ौरी,साजिद ग़ौरी ने शिरकत की।
कुल की फातेहा आज सोमवार 22 अप्रैल 2024 सुबह 8:00 बजे रामपुरा बस्ती नई मस्जिद गली नंबर 2 में होगी।

 

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