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बीकानेर,धरणीधर ट्रस्ट, बीकानेर की नई कार्यकारिणी निर्वाचित होने के बाद ट्रस्ट की प्रथम मीटिंग रविवार को धरणीधर रंगमंच सभागार में आयोजित की गई। इस मीटिंग में ट्रस्ट द्वारा संचालित किए जा रहे विकास कार्यों की समीक्षा की गई और आय- व्यय का विवरण प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में क्षेत्र में शिक्षा, चिकित्सा सुविधाएं बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण की गतिविधियां बढ़ाने की कार्य योजना तैयार की गई।

कार्यक्रम की अध्यक्षता धरणीधर ट्रस्ट के नंदकुमार आचार्य ने की। उन्होंने सबको साथ लेकर धरणीधर मंदिर और सम्पूर्ण क्षेत्र के विकास के लिए कार्य करने का संकल्प व्यक्त किया।
ट्रस्ट के संरक्षक एवं पूर्व अध्यक्ष रामकिशन आचार्य ने कहा कि ट्रस्ट के समर्पित कार्यकर्ताओं के परिश्रम से आज धरणीधर परिसर अनेक जन सुविधाओं का केन्द्र बन गया है। परिसर में जनता क्लीनिक, तालाब, भ्रमण पथ और रंगमंच की स्थाई सुविधाओं के साथ ही समय समय पर विभिन्न जनोपयोगी सेवा शिविर और दशहरा उत्सव आदि आयोजित किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि धरणीधर ट्रस्ट को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाए रखने में समाज के अनेक भामाशाहों का महत्वपूर्ण योगदान है।
ट्रस्ट के दुर्गाशंकर आचार्य ने कहा कि धरणीधर क्षेत्र में करोड़ों रुपए के विकास कार्य करवाने के पश्चात अब ट्रस्ट ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करते हुए पूरे क्षेत्र में कम से कम पांच हजार वृक्ष लगाने का लक्ष्य तय किया है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में सुचारू जलापूर्ति के लिए विशाल टंकी का निर्माण और धरणीधर परिसर में सीमेंट ब्लॉक लगाने का काम भी वर्तमान में चल रहा है।
बैठक में धरणीधर परिसर में चंडीगढ के मशहूर उद्यान जैसा गार्डन बनाने धरणीधर खेल मैदान में महापुरुषों की मूर्तियां लगाने और गर्मी की छुट्टियों में महिलाओं तथा बच्चों को धरणीधर रंगमंच पर प्रेरक, शिक्षाप्रद फिल्में दिखाने के प्रस्ताव पारित किए गए।
बैठक में ट्रस्ट के आय- व्यय का विवरण बजरंग पुरोहित ने सभा पटल पर रखा।
इस महत्वपूर्ण बैठक का संचालन करते हुए नरेश आचार्य ने बताया कि धरणीधर स्थित जनता क्लीनिक में छह बैड की क्षमता वाले नए भवन का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है।
कार्यक्रम में धरणीधर ट्रस्ट के वरिष्ठ संरक्षक शिवशंकर आचार्य, जेठमल आचार्य, पूर्व अध्यक्ष दीनदयाल आचार्य, पूर्व कोषाध्यक्ष अशोक आचार्य और समाजसेवी मोटू महाराज हर्ष का शॉल, स्मृति चिह्न, साफा पहनाकर सम्मान किया गया। कार्यक्रम के अंत में आरती के पश्चात उपस्थित जनों ने प्रसाद ग्रहण किया।

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