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बीकानेर क्षेत्र के सुप्रसिद्ध, राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित वरिष्ठ शिक्षक लक्ष्मण सिंह जी राठौड़ के दुखद निधन पर श्री पूर्णेश्वर महादेव चेरिटेबल ट्रस्ट, भीनासर की ओर से बैंगलुरू में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई । इस दुखद अवसर पर ट्रस्ट के प्रधान ट्रस्टी गौरीशंकर सारड़ा ने अपनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि लक्ष्मण सिंह जी राठौड़ एक कुशल शिक्षाविद, सादगी व सरलता की प्रतिमूर्ति थे । उन्होंने कहा कि मास्टर जी के नाम से विख्यात लक्ष्मण सिंह जी राठौड़ न केवल एक सुविज्ञ शिक्षक थे अपितु वे पूर्णतः आध्यात्मिक व धार्मिक प्रवृत्ति के नेक इंसान थे । सारड़ा ने बताया कि मास्टर लक्ष्मण सिंह जी, अवधूत संत श्री पूर्णानंद जी के अनन्य भक्त थे । उन्होंने अवधूत संत श्री पूर्णानंद जी पर संस्कृत, हिंदी व राजस्थानी भाषाओं में अनेक रचनाएं- भजन, लीला, दोहे आदि के रूप में लिखे हैं । अवधूत संत श्री पूर्णानंद जी के भक्त मास्टर जी द्वारा रचित इन रचनाओं को अत्यंत भक्ति भाव से गाते, सुनते, सुनाते हैं ।
मल्टी स्किल डेवलपमेंट एसोसिएशन द्वारा भी मास्टर जी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई । एसोसिएशन के डायरेक्टर, पूर्व प्राचार्य, चिंतक व लेखक प्रोफेसर डॉ. नरसिंह बिनानी ने मास्टर जी को अपनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक लक्ष्मण सिंह जी राठौड़ बीकानेर क्षेत्र में समाज के प्रबुद्ध वर्गों, वरिष्ठ साहित्यकारों, शिक्षाविदों, अध्यात्मिक व धार्मिक मर्मज्ञ, विचारकों आदि के प्रमुख व्यक्तित्व माने जाते थे । प्रोफेसर बिनानी ने कहा कि उनके कार्य युवाओं के लिए एक उलेखनीय- प्रेरक के रूप में सदैव बने रहेंगे ।
राजस्थान विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ-रूक्टा के महामंत्री डॉ. विजय कुमार ऐरी ने मास्टर लक्ष्मण सिंह जी राठौड़ के निधन पर उनको अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है । डॉ. ऐरी ने मास्टर जी को अपनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वे धार्मिक व साहित्य अनुरागी एक अद्भुत व्यक्तित्व के धनी थे । वे एक कर्त्तव्यपरायण, अनुशासित एवं निष्ठावान शिक्षक के रुप में हमेशा याद किए जायेंगे ।
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