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बीकानेर-किसान नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व.राजेश पायलट की जयंती के अवसर पर सर्किट हाउस के सामने गांधी पार्क में उनके तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई तथा उसके बाद विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ।

जिला संगठन महासचिव मार्शल प्रहलादसिंह ने स्व. पायलट की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 10 फरवरी 1945 को गाजियाबाद के बैदपुरा गांव में उनका जन्म हुआ।उनका पूरा नाम राजेश्वरप्रशाद सिंह बिधूड़ी था।29 अक्टूबर1966को वे भारतीय वायुसेना में जनरल ड्यूटी पायलट अधिकारी रूप में नियुक्त हुए।1979में उन्होंने अपने घनिष्ठ मित्र पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कहने पर स्क्वाड्रन लीडर के पद से इस्तीफा देकर राजनीति में आए।
प्रदेश महासचिव गजेन्द्रसिंह सांखला ने कहा कि 1980 में स्व.राजेश पायलट ने अपने नाम के आगे पायलट लगाया तथा पहला चुनाव भरतपुर से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में जीता।बाद में गुजर नेता के रूप में उभरे।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता सलीम भाटी ने कहा कि 1984 में वे दौसा से सांसद चुने गए बाद में केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री के रूप में कार्य किया।1991में दुबारा चुनाव जीतकर दूरसंचार विभाग के मंत्री बने तथा सीडब्ल्यूसी के मेम्बर भी रहे।बाद में आंतरिक सुरक्षा मंत्री भी रहे।
यूथ कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष अरुण व्यास ने कहा कि स्व राजेश पायलट ने वायु सेना में रहते अनेक पदक जीते जिनमे विशेष सेवा पदक, संग्राम पदक, पूर्वी स्टार, सैन्य सेवा पदक,25वां स्वतंत्रता पदक प्रमुख है।उन्होंने पुस्तकें भी लिखी जिनमें संसद के लिए उड़ान, सार्वजनिक रूप से प्रमुख कृति थी।
आरजीपीआरएस के प्रदेश उपाध्यक्ष गजानन्द शर्मा ने कहा कि 11 जून 2000 में 55वर्ष की आयु में जयपुर के पास कार दुर्घटना में उनकी मृत्यु हुई।उसके पश्चात भारतीय डाक विभाग ने 5रु का स्मारक डाक टिकट जारी किया।उनके नाम से दो सड़को नई दिल्ली में गुर्जर राजेश पायलट मार्ग तथा गुरुग्राम में राजेश पायलट रोड़ का नामकरण किया गया।
सन्तोष आसोपा ने कहा कि उन्होंने 1987 में जय जवान जय किसान ट्रस्ट की स्थापना की जिसके जरिये किसानों की समस्याओं के समाधान कार्य किए गए तथा वह क्रम आज भी जारी है।
मार्शल ने बताया कि इस अवसर पर अम्बाराम इनखिया,हरिराम जनागल,प्रेमरतन जोशी उर्फ पट्टू आदि ने भी विचार व्यक्त व्यक्त किए तथा कार्यक्रम में अनेक लोग मौजूद रहे।

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