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बीकानेर,डूंगर काॅेलेज के महिला प्रकोष्ठ के तत्वावधान में सोमवार को एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया । महिला प्रकोष्ठ की संयोजिका डाॅ. इन्द्रा बिश्नोई ने बताया कि कार्यक्रम की मुख्य वक्ता राजनीति शास्त्र की सह आचार्य डाॅ. बबीता जैन तथा अध्यक्षता प्राचार्य डाॅ. जी.पी.सिंह ने की। अपने उद्बोधन में डाॅ. जैन ने बताया कि भारतीय परम्परा मेें महिलाओं की स्थित सशक्त रही है क्योंकि यहां नारी को माता का स्थान मिला है जबकि पश्चिम में महिला को भोग्या के रूप में भोग का साधन मात्र माना गया है। वर्तमान संदर्भ में स्वयं के लिये स्थान सुनिश्चित करना महिला के लिये सर्वाधिक चुनौतीपूर्ण है। डाॅ. जैन के कहा कि रहने, आराम करने एवं निर्णय निर्धारण प्रक्रिया में समुचित स्थान तथा स्वयं की उर्जा के पुनर्भरण के लिये उचित स्थान के लिये महिलाओं को निरंतर संघर्ष करना पड़ता है। इस संघर्ष की प्रक्रिया में परिवार, परम्परा तथा परिवश के अनुरूप ही महिला को अपना स्थान तय करना होगा।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डाॅ. जी.पी.सिंह ने कहा बालिका शिक्षा महत्ती आवश्यकता पर बल दिया। उन्होनें कहा कि माता पिता को रूढ़ीवादी विचारधार से दूर रहकर बेटियों को शिक्षा एवं रोजगार हेतु कार्य करने के समुचित अवसर प्रदान करने चाहिये। डाॅ. सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में पति-पत्नि को एक दूसरे की भावनाओं को समझते हुए सहयोग की भावना से आगे बढ़ना चाहिये तभी समाज में महिलाओं को उचित स्थान मिल सकेगा। उन्होनें कहा कि राज्य सरकार की भावना के अनुरूप काॅलेज प्रषासन महिला कार्मिकों एवं छात्राओं को महाविद्यालय में हर सम्भव सुविधायें उपलब्ध करवाने हेतु प्रतिबद्ध है। संचालन करते हुए डाॅ. सोनू शिवा ने महिला प्रकोष्ठ द्वारा वर्ष पर्यन्त चलने वाली गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी। संयोजिका डाॅ. इन्द्रा विश्नोई ने कहा कि आज के युग में बहु एवं बेटी को एक समान ही समझना होगा तभी किसी भी परिवार का विकास सम्भव हो पायेगा। इस अवसर पर डाॅ. अनिला पुरोहित, डाॅ. अनिता गोयल, डाॅ. सुरूचि गुप्ता, डाॅ. विश्वप्रभा गुप्ता, डाॅ. विनोद कुमारी, डाॅ. अरूणा चक्रवर्ती सहित बड़ी संख्या में संकाय सदस्यों ने सहभागिता की।

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