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बीकानेर,तेरापंथ महिला मंडल गंगाशहर द्वारा ललवानी मोहल्ले में ‘हमारा धर्मसंघ हमारा दायित्व’ विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम नवकार मंत्र का सामूहिक उच्चारण कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। उपासक सूर्यप्रकाश सामसुखा ने बताया कि हम सिर्फ इसलिए तेरापंथी न बनें कि हमें यह संघ विरासत में मिला है बल्कि तेरापंथ के सिद्धांत व मर्यादा को समझकर हमें तेरापंथ को शिरोधार्य करना है। उपासक प्राध्यापक निर्मल नौलखा ने कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं कि हमें जैन शासन मिला है। तेरापंथ के आद्ध प्रवर्तक आ. भिक्षु के धर्मकांति करने का कारण आचार व विचार की शिथिलता थी। हमें आग्रह मुक्त होकर धर्म की राह पकडऩी होगी। जैनधर्म के अनुसार वह प्रवृत्ति जिससे आत्मा अशुभ कर्म का बंधन करती है वह पाप है। कर्मबंधन के हेतु है राग और द्वेष।  असंयम के साथ सदैव हिंसा जुडी़ होती है। नौलखा ने श्रावक निर्देशिका के नियमों की जानकारी प्रदान की। मंत्री कविता चौपड़ा ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम प्रभारी चंचल चौरडिय़ा, अंजू लालाणी व संतोष देवी नाहटा रहीं। कार्यक्रम में क्षेत्र की लगभग 60 बहनें उपस्थित रहीं।

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