बीकानेर,बीकानेर के स्क्रैप मार्केट में टैक्स चोरी का बड़ा खेल चल रहा है। इस खेल में मार्केट के कई बड़े कबाड़ी भी शामिल है,जो बोगस फर्मो की आड़ में सालाना दस करोड़ से ज्यादा टैक्स चोरी कर रहे है। हालांकि जीएसटी इंन्वेटिंग विंग की ओर से पकड़े के गये स्क्रैप के ट्रकों से टैक्स चोरी के इस खेल का खुलासा भी हो चुका है लेकिन आयकर वालों ने आज तक बीकानेर के स्क्रेप कारोबारियों की कुण्डली नहीं खंगाली। शहर के हसनैन चरिटेबल के सामने, गजनेर हाईवे, ट्रांसपोर्ट नगर समेत अनेक ऐसे इलाके है जो आज स्क्रेप कारोबार का हॅब बन चुके है। यहां तक की सेना और रेलवे का स्क्रेप भी यहां खरीदा और बेचा जाता है। खास बात तो यह है कि महाजन फिल्ड फायरिंग रेंज का स्क्रैप भी बीकानेर के ही कारोबारी खरीद रहे है। इनमें कई कारोबारियों ने जीएसटी और इंकमटैक्स चोरी के लिये बोगस फर्मे तक बना रखी है। गरज न्यूज पेपर की ओर से की गई पड़ताल में सामने आया है कि हसनैन चरिटेबल ट्रस्ट के सामने बने स्क्रेप मार्केट में कई कारोबारी ऐसे डिटेन हुए है जो दिखने में छोटे-मोटे कबाड़ी है लेकिन बोगस फर्मो के जरिये के सालाना करोड़ो के स्क्रैप की खरीद-फरोख्त करते है। इनके लिये न कोई नियम है और न कोई कायदे, न कोई रोकने वाला और न ही टोकने वाला, न इनके पास कोई लाइसेंस है और न ही सुरक्षा को लेकर प्रबंध…। दरअसल,बिना किसी नियम कायदे के चले रहे स्क्रेप के इस कारोबार में करोड़ो के टैक्स चोरी का खेल चल रहा है।
बिना एनओसी चल रहा कारोबार
जानकारी में रहे कि बीकानेर संभाग में स्क्रैप का सबसे बड़ा मार्केट सर्वोदय बस्ती हसनेन चेरिटेबल ट्रस्ट के सामने है,जहां पचास से ज्यादा स्क्रैप कारोबारियों ने अपने गोदाम और कारखाने बना रखे है ये कारोबारी हर तरह के स्क्रैप की खरीद फरोख करते है। यहां गाड़ी को तोडऩे से लेकर उससे निकलने वाले हर सामान को अलग-अलग कीमत में बेचा जाता है। यहां सालाना करीब एक हजार करोड़ का कारोबार है । हैरानी की बात तो यह है कि बीकानेर सैंकड़ो स्क्रैप कारोबारी अपने कारखानों का का अवैध संचालन कर रहे है। कबाड़ के कारोबार की पड़ताल में सामने आया है कि शहर के छोटे से लेकर बड़े कारखानों में रोजाना सैंकड़ो वाहन काटे जा रहे हैं। इनमें से अधिकतर वाहनों को काटने की अनुमति नहीं होती। इन वाहनों की आड़ में कई कबाड़ी गैर कानूनी रूप से चोरी के वाहनों को भी काटने और उन्हे खुर्दबुर्द कर रहे हैं। पुरानी स्क्रैप में खरीदे गये वायर जलाकार उसमें से कॉपर और तांबा निकाला जाता है। जिससे आस पास समूचा माहौल धूंआधोर हो जाता है,इससे इलाके में वायु प्रदूषण का ग्राफ सबसे ज्यादा रहता है। लेकिन हैरानी की बात तो यह है खुले तौर पर वायु प्रदुषण फैलाने वाले इन कारोबारियों के पास प्रदूषण नियंत्रण मंडल की एनओसी तक नहीं है।