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बीकानेर,राष्टीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार के सानिध्य में वैज्ञानिक दृष्टिकोण सोसायटी जयपुर और बीआईआरसी राजकीय डूंगर कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय विज्ञान संचार कार्यषाला डूंगर कालेज में सोमवार को शुरू हुई। कार्यषाला का शुभारम्भ कालेज प्राचार्य डॉ. राजेन्द्र पुरोहित, एमजीएस यूनिवर्सिटी के रिसर्च डायरेक्टर डॉ. अभिषेक वषिष्ठ व वैज्ञानिक दृष्टिकोण के संपादक तरूण के जैन ने मां सरस्वती की तस्वीर पर माल्यार्पण कर किया। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. पुरोहित ने प्रतिभागियों को कहा कि कार्यषाला शीर्षक विज्ञान के साथ कदमताल शानदार है। आज वहीं आगे बढ़ेगा जो साइंस के साथ आगे बढ़ता रहेगा। विद्यार्थी केवल प्रमाण पत्र तक समिति न रहे। बल्कि उसके लिए सीखना ज्यादा महत्वपूर्ण है। विद्यार्थी इस तीन की वर्कषॉप में विज्ञान लेखन और संचार को सीखे एवं फायदा उठाए। कार्यक्रम में डॉ. अभिषेक वषिष्ठ ने कहा कि साइंस स्कॉलर अपने आर्टिकल्स को अपने पाठक को ध्यान में रखकर सरल भाषा में लिखें। जयपुर से पधारे तरूण के जैन ने प्रतिभागियों से कहा कि देष में विज्ञान को आम लोगों तक कैसे पहुंचाए। उसे सीखना है। आपका आर्टिकल ऐसा हो जो देषहित में हो। आपका रिसर्च आर्टिकल चयनित होता है तो सरकार एक लाख रूपए का पुरस्कार देती है। जिन पत्रिकाओं में आर्टिकल छपता है तो उसमें मानदेय भी मिलता है। जैन ने विद्यार्थियों को वेबसाइट अवसर की जानकारी दी जिससे अपने आर्टिकल के लिए सीख समझ सकते हैं। ंजैन ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण के 24 साल के सफर के बारे में बताया। कार्यषाला में जैन ने विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं को शांत किया। तकनीकी सत्र के दौरान राष्टीय उष्ट अनुसंधान केन्द्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. आर. के. सावल ने इंसान एवं जानवरों में पाचन सिस्टम आदि की जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन बीआईआरसी के फाउंडर डॉ नरेन्द्र कुमार भोजक ने किया। डॉ. भोजक ने बताया कि शोधार्थियों का चयन प्रस्तुत शोध सारांष संकल्पना के आधार पर किया।

कार्यक्रम में अंग्रेजी विभाग की एचओडी डॉ. दिव्या जोषी, डॉ. हेमेन्द्र भंडारी, डॉ. सत्यनारायण, डॉ. सुष्मा जैन, डॉ. राजाराम, डॉ. एस के शर्मा, डॉ. अर्चना पुरोहित सहित 20 चयनित शोधार्थी उपस्थित रहे।

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