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बीकानेर,प्रदेश में छठी से नौंवी के स्कूल दस फरवरी से खुल जाएंगे लेकिन पहली से पांचवीं तक के स्कूल खुलने का रास्ता अभी साफ नहीं हो पाया है। नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के. पॉल की सलाह को केंद्र सरकार ने लागू किया तो राजस्थान के महज तीन जिलों में ही सभी स्कूल खुल पाएंगे। दरअसल, डॉ. पॉल ने उन्हीं जिलों में स्कूल खोलने की सलाह दी है, जहां पॉजिटिव रेट पांच पर्सेंट से कम है। राजस्थान में सिर्फ दौसा, करौली और जालोर में ही पॉजिटिव रेट पांच प्रतिशत से कम है, शेष तीस जिलों में पांच पर्सेंट से ज्यादा पॉजिटिव केस आ रहे हैं।

राज्य के सभी जिलों में शुक्रवार तक पॉजिटिव रेट इस प्रकार रही।
राज्य के सभी जिलों में शुक्रवार तक पॉजिटिव रेट इस प्रकार रही।
केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने शुक्रवार तक किसी तरह की गाइडलाइन जारी नहीं की है जबकि नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के. पॉल ने स्कूल खोलने की आवश्यकता जताई है। उन्होंने कहा है कि जिन जिलों में पांच प्रतिशत से कम पॉजिटिव रेट है, वहां स्कूल खोल सकते हैं। शुक्रवार तक देश के करीब सत्तर जिलों में ऐसे हालात थे, जहां सभी स्कूल खुल सकते थे। राजस्थान में पांच तो क्या दस पर्सेंट से कम पॉजिटिव रेट वाले जिले भी महज आठ है। जालोर, दौसा और करौली में जहां पांच पर्सेंट से कम पॉजिटिव रेट है, जबकि बीकानेर, चूरू, नागौर, बाडमेर और झुंझुनूं में पांच से ज्यादा और दस से कम पर्सेंट पॉजिटिव रेट है। ऐसे में अगर सरकार नीति आयोग की सिफारिश से दो गुना पॉजिटिव रेट पर भी स्कूल खोलती है तो महज आठ जिलों में ही स्कूल खुलेंगे। चिंता की बात ये है कि इन जिलों में पॉजिटिव रेट पांच या दस प्रतिशत से नीचे रहेगी, ये तय नहीं है।

इन जिलों में ज्यादा मुश्किल
अगर नीति आयोग की सिफारिश मानने का दबाव बनाया गया तो राज्य के 25 जिलों में स्कूल खुलना मुश्किल हो जाएगा। दरअसल, राज्य के सात जिलों में शुक्रवार को ही बीस पर्सेंट से ज्यादा पॉजिटिव रेट थी। इसमें श्रीगंगानगर, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, पाली, भरतपुर, जोधपुर और राजसमंद शामिल है। जैसलमेर, डूंगरपुर व बांसवाड़ा में 19 पर्सेंट पॉजिटिव रेट है।

जरूरी नहीं सिफारिश मानना
वैसे भी MHRD ने पिछले दिनों जारी SOP में स्पष्ट कर दिया कि केंद्र सरकार की सिफारिश काे मानना राज्यों के लिए जरूरी नहीं है। राज्य अपने स्तर पर निर्णय कर सकते हैं। ऐसे में राजस्थान सरकार चाहें तो दस फरवरी या इसके बाद पहली से पांचवीं तक के स्कूल एक साथ ओपन कर सकती है। वैसे भी प्रदेश में सिर्फ शहरी क्षेत्र के स्कूल बंद है, गांवों में स्कूल यथावत चल रहे हैं।

MHRD के संपर्क में राजस्थान
राजस्थान का शिक्षा विभाग शुक्रवार को दिनभर MHRD के अधिकारियों के संपर्क में रहा। दरअसल, दिल्ली से किसी तरह की कोई गाइडलाइन शुक्रवार को जारी नहीं हुई। ऐसे में शिक्षा विभाग ने भी इस बारे में कोई निर्देश जारी नहीं किए।

नीति आयोग की नहीं मानेगा राजस्थान
दरअसल, राजस्थान में स्कूल री-ओपन करने की सिफारिश पहले ही हो चुकी है। दसवीं से बारहवीं तक के स्कूल खुल गए हैं जबकि छठी से नौंवी तक के स्कूल दस फरवरी को खुल जाएंगे। ऐसे में सिर्फ पहली से पांचवीं तक के स्कूल खोलने की हिचकिचाहट है।

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