जयपुर। रविवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने समीक्षा बैठक कर नई गाइडलाइन जारी करते हुए प्रदेशभर के नगर निगम और नगर परिषद क्षेत्रों के 12 वीं तक के स्कूल 30 जनवरी तक बंद करने के आदेश दिए थे किंतु सोमवार को पहले ही दिन राजधानी जयपुर सहित सीकर, श्रीगंगानगर, भरतपुर, अलवर, चूरू, कोटा, जोधपुर सहित सभी प्रमुख शहरों के निजी स्कूलों ने जमकर राज्य सरकार के आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए ना केवल स्कूल खोले बल्कि जबरदस्ती कर छात्रों को स्कूल भी बुलाया। इसका परिणाम यह हुआ कि जयपुर जिले के विराट नगर में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय दूधी अमलोदा के दो विद्यार्थी कोरोना संक्रमित पाए गए।
संयुक्त अभिभावक संघ ने स्कूलों के इस रवैये पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ” स्कूलों को हठधर्मिता छोड़, कोरोना महामारी पर गंभीरता बरतनी चाहिए और छात्र-छात्राओं की सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन की पालना करनी चाहिए। ”
प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि बेसक राज्य सरकार ने कोरोना को लेकर गंभीरता दिखाई हो किन्तु यह गंभीरता केवल काजगों तक ही सिमट कर रह गई है। कोविड़ को लेकर राज्य सरकार को गाइडलाइन जनता पर थोपने की बजाय प्रशासन को मुस्तेद कर पालना भी सुनिश्चित करवानी चाहिए अन्यथा गाइडलाइन जारी करने का कोई असर राज्य में नही दिखेंगा। सोमवार को जिस प्रकार प्रदेशभर में स्कूल खोले गए उससे सैड झलकता है कि राज्य सरकार छात्र-छात्राओं की सुरक्षा को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नही है और ना ही शिकायतों के बावजूद स्कूलों पर कार्यवाही कर रही है। राज्य सरकार को गाइडलाइन नही मानने वाले स्कूलों पर कार्यवाही सुनिश्चित करनी चाहिए और उनकी मान्यता रदद् करनी चाहिए।