बीकानेर,प्रदेश में खेल और खिलाड़ियों के पक्ष में माहौल बनाने का सरकार प्रयास कर रही है और चुनावी साल में अपने आखिरी बजट में खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी युवाओं पर बजट को फोकस करने की बात कह रहे हैं. कांग्रेस सरकार की इस कार्यकाल में खेल और खिलाड़ियों को लेकर कुछ काम हुआ है, जिससे खेलों के प्रति भी थोड़ा सकारात्मक माहौल बना है. ऐसे में अब स्कूली खेलों और खिलाड़ियों पर सरकार बजट में फोकस कर रही है.
माना जा रहा है कि अब तक प्रदेश में संचालित हो रहे एकमात्र आवासीय स्पोर्ट्स स्कूल का दायरा बढ़ाते हुए अब शिक्षा विभाग के हर मंडल मुख्यालय पर एक स्पोर्ट्स स्कूल बनाने की सरकार कवायद कर रही है. इसको लेकर बजट से पहले शिक्षा विभाग की ओर से सरकार को प्री बजट प्लानिंग में प्रस्ताव भेजा गया है.
मंडल मुख्यालय का प्रस्ताव: विभाग से जुड़े सूत्रों की मानें तो सरकार को फ्री बजट प्लानिंग के तहत शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षा में गुणात्मक सुधार और खेलों के प्रति स्कूली बच्चों के चुनाव को लेकर कई सुझाव और प्रस्ताव भेजे गए हैं. इन्हीं में से एक प्रदेश के हर मंडल मुख्यालय पर स्पोर्ट्स स्कूल के गठन के भी प्रस्ताव भिजवाए गए हैं. हालांकि, सरकार के स्तर पर इस बात को लेकर चर्चा है कि इन स्कूलों का गठन शिक्षा विभाग के मंडल मुख्यालयों या फिर हर संभागीय मुख्यालयों पर किया जाए.
7 से 9 तक होगी संख्या: प्रदेश के हर संभागीय मुख्यालयों पर स्पोर्ट्स स्कूल होने पर बजट (Rajathan Budget 2023) के बाद प्रदेश में स्पोर्ट स्कूलों की संख्या 7 हो सकती है. वहीं, अगर शिक्षा विभाग के मंडल मुख्यालयों के अनुसार उनका गठन किया गया तो यह संख्या नौ हो सकती है और वर्तमान में केवल प्रदेश में एकमात्र बीकानेर में ही स्पोर्ट्स स्कूल है.
स्कूली खिलाड़ियों को होगा फायदा: मंडल और संभाग मुख्यालय पर और स्कूल का गठन होने से स्कूली खिलाड़ियों को इसका खासा फायदा मिलेगा और खेल प्रतिभाएं और ज्यादा सामने आएगी. वर्तमान में केवल बीकानेर में ही स्पोर्ट्स स्कूल संचालित है जहां प्रदेशभर के करीब 244 खिलाड़ी विद्यार्थी रह रहे हैं. ऐसे में पूरे प्रदेश में स्कूलों की संख्या बढ़ने के बाद करीब 15 सौ से 2000 खिलाड़ी विद्यार्थी इन स्कूलों में प्रवेश लेकर अपनी खेल प्रतिभा को बढ़ा सकेंगे. वर्तमान में बीकानेर स्पोर्ट्स स्कूल में 12 खेलों के खिलाड़ी विद्यार्थी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं.