बीकानेर,शिक्षा मंत्री डॉ. बीड़ी कल्ला के क्षेत्र में सोमवार को बालिकाओं की एक स्कूल ट्रैक्टर पर इधर से उधर चलता रहा, बाद में फोर्ट स्कूल के क्रीड़ा संगम के कमरों में सामान रखा गया। तब तक स्कूल का स्टाफ इधर से उधर भटकता रहा और विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित रही। इसके अलावा विद्यार्थियों को यह भी पता नहीं है कि मंगलवार को स्कूल कहां लगेगा लेकिन शिक्षा विभाग की उदासीनता तब उजागर हो गई जब विभाग के आला अधिकारी बीकानेर में बैठते हैं। जानकारी के अनुसार आचार्य चौक घाटी के नीचे लंबे समय से किराए के भवन में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय दफ्तरी चौक लगती है। अब इस भवन में राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय तेलीवाड़ा का भी संचालन होने लगा था। भवन मालिक ने कोर्ट में भवन खाली कराने की याचिका लगाई थी। इसके बाद फैसला होने पर कोर्ट आदेशों के बाद कोर्ट द्वारा नियुक्त अमीन ने इस भवन को खाली को शीतला गेट स्कूल और तेलीवाड़ा स्कूल को उस्तों की बारी के बाहर 16 नंबर स्कूल में शिफ्ट करने को गया।
स्कूल स्कूल पर सील लगाई
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय दफ्तरी स्कूल पर कोर्ट आदेशों के बाद कोर्ट द्वारा नियुक्त अमीन ने ताला जड़कर उस पर कोर्ट की सील लगा दी। स्कूल का परीक्षा तथा संस्थापन संबंधी रिकार्ड ही नए पिंजरा पोल स्कूल में शिफ्ट किया गया है। बाकी सामान कोर्ट की सील में बंद हो गया है।
पहले 16 नंबर भेजा सामान,वापस आया
दफ्तरी स्कूल का सामान तो शीतला गेट स्कूल में शिफ्ट कर दिया और विद्यार्थियों के लिए कुछ कमरे भी आरक्षित कर दिए। लेकिन तेलीवाड़ा स्कूल को उस्तों की बारी के बाहर 16 नंबर स्कूल में शिफ्ट करने को कहा गया। इसके बाद एक ट्रैक्टर में स्कूल का सारा सामान डालकर 16 नंबर स्कूल ले गए। वहां के भवन मालिक ने भी सामान रखने से मना कर दिया। इसके बाद वापस सामान तेलीवाड़ा स्कूल आ गया और विचित्र स्थिति उत्पन्न हो गई थी। स्टाफ और सामान सड़क पर खड़ा रहा। बाद में स्कूल प्राचार्य ने जिला शिक्षा अधिकारी सुरेन्द्रसिंह भाटी को वस्तु स्थिति से अवगत कराया। इसके पश्चात भाटी ने फोर्ट स्कूल परिसर में कीड़ा संगम के कमरों में सामान रखवाया।
139 बालिकाओं की पढ़ाई प्रभावित
इस स्कूल में 139 बालिकाएं अध्ययनरत है लेकिन सोमवार को करीब 70 छात्राएं आई थी। इस दौरान कोर्ट द्वारा नियुक्त अमीन न स्कूल खाली करने का बोल दिया था। इस पर शाला का स्टाफ ट्रैक्टर में सामान रखने लगा और छात्राएं बिना पढ़ाई के ही बैठी रही। बाद में उन्हें घर रवाना कर दिया।
यहां पर भी जगह नहीं
जिस स्थान पर तेलीबाड़ा स्कूल का सामान रखा गया है। वहां पर भी न तो छात्राओं के लिए और न ही स्टाफ के बैठने की कोई व्यवस्था है। सार संभाल नहीं होने के कारण कमरों की स्थिति भी दयनीय बनी हुई है।
आज कहां लगेगा स्कूल
अब छात्राओं के सामने यह समस्या उत्पन्न हो गई है कि वे मंगलवार को. स्कूल के किस भवन में जाना है। क्योंकि अधिकांश छात्राएं भी स्कूल के आसपास क्षेत्र की रहने वाली है। लेकिन छात्राओं को यह नहीं बताया गया है कि उन्हें किस भवन में आना है। यह स्कूल दूसरी पारी में संचालित होता है।
किया जाएगा विरोध
पूर्व उप महापौर अशोक आचार्य ने स्कूल को अन्यत्र स्थानांतरित करने का विरोध किया है। उधर पार्षद मुकेश पंवार ने भी कहा है कि अगर दफ्तरी स्कूल को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय श्रीरामसर में शिफ्ट किया गया तो विरोध किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस स्कूल में पहले से ही विद्यार्थियों की संख्या करीब 700 है।
ऑनलाइन पढ़ाई कराएंगे
जब तक स्कूल की नियमित | व्यवस्था नहीं जाती, छात्राओं को ऑनलाइन पढ़ाई कराई जाएगी। सोमवार को भवन मालिक ने कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए भवन खाली करा लिया। अब उच्च अधिकारियों को स्थिति से अवगत कराया दिया।
सुमित्रा डूडी,प्राचार्य तेलीवाड़ा. स्कूल
दो भवन फाइनल किए.तेलीवाड़ा स्कूल को अब उस्ता बाहर हरोलाई हनुमान मंदिर के पास तथा दफ्तरी स्कूल को शीतला गेट के बाहर के निजी भवन में शिफ्ट करने पर सहमति हुई है। दोनों भवनों के मालिकों से चर्चा हो गई है।
सुरेन्द्रसिंह भाटी, जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक)