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बीकानेर,उच्च शिक्षा मंत्री भँवर सिंह भाटी बीकानेर के ही हैं उन्हें क्षेत्र की औऱ यहां तक प्रदेश की उच्च शिक्षा में सुधार और गुणवत्ता के लिए क्या कदम उठाए हैं – बताने की जरूरत ही नहीं है। अपने प्रतिनिधित्व वाले क्षेत्र में बिना शिक्षकों औऱ भवनों के कॉलेज खोलने की जरूर घोषणाएं की है। भाटी का मंत्री के रूप में एकमात्र ध्येय है कि वे पूरे प्रदेश की उच्च शिक्षा की कीमत पर अपने विधानसभा क्षेत्र में सबकुछ करना चाहते ताकि फिर चुनाव जीत सके। इसके अलावा उच्च शिक्षा मंत्री के रूप में प्रदेश में उनका कोई योगदान अभी तक तो नहीं है। स्कूल शिक्षा के मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा भी बीकानेर जिले के प्रभारी मंत्री है। स्कूली औऱ उच्च शिक्षा का बीकानेर में क्या हश्र है सभी जानते हैं। यह राजस्थान सरकार के शिक्षा के क्षेत्र में दिया तले अंधेरे का पुख्ता प्रमाण है।अगर सरकार से सबक लेना चाहे तो। जब बीकानेर में शिक्षा इतने बदतर हालात में तो राजस्थान में शिक्षा की स्थिति को समझ जा सकता है। बीकानेर में राजस्थान का एक मात्र स्पोर्ट्स स्कूल है। यहां स्कूल शिक्षा का निदेशालय है। राज्य सरकार के स्तर पर स्कूली शिक्षा की पूरी संरचना है। संसाधनों से परिपूर्ण विद्यालय भी है। निजी क्षेत्र में भी नामी गिरामी स्कूल है। इन संसाधनों का समुचित उपयोग करके बीकानेर स्कूली शिक्षा का हब बनाया जा सकता है, परन्तु सरकार व व्यवस्था का ध्यान मूल विषय की तरफ कितना है कहने की जरूरत नहीं है। शैक्षणनेत्तर गतिविधियों साइकिल वेलोड्रम, तीरंदाजी, निशानेबाजी, फुटबॉल जैसे खेलों में बीकानेर ने राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाया है। खेल के मैदान परम्परागत रूप से उपलब्ध है। पिछले दो दशकों से खेल का खिताब बीकानेर के नाम नहीं है। किसी खेल में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ी क्यों तैयार नहीं हो रहे हैं ? क्या खेल का वातावरण नहीं बन पा रहा। उपयुक्त प्रशिक्षक नहीं मिल पा रहे हैं या खेल संसाधनों की कमी है ? खेल क्षेत्र में आए इस ठहराव को कैसे दूर करें। न उच्च शिक्षा मंत्री को औऱ न ही स्कूल शिक्षा मंत्री को चिंता है। उनकी राजनीतिक प्राथमिकताए इत्तर है। बीकानेर में पांच विवि है। पांच ही राष्ट्रीय अनुसन्धान केंद्र है। मेडिकल कालेज, आईटीआई कालेज, कृषि व वेटरनरी विवि, कोचिंग इंस्टिट्यूट, स्कूल कालेज फिर भी इनका असर जन जीवन पर प्रभावी होकर प्रकट नहीं हो पा रहा है। बीकानेर मंत्री चाहे तो एज्युकेशन ओर स्पोर्ट्स हब बन सकता है । बीकानेर में 12 सरकारी कालेज, 40 निजी कालेज, दर्जन भर से ज्यादा प्रशिक्षण केंद्र, कोचिंग सेंटर, विवि व डूंगर कालेज के स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स, सादुर्ल स्पोर्ट्स स्कूल जैसे संसाधनों का समुचित उपयोग नहीं हो रहा है । ये दोनों मंत्रियों के आंखों के सामने हैं। सभी कॉलेजों में कोच के पद रिक्त है। स्पोर्ट्स स्कूल में भी कोचों के पद खाली है। विभिन्न स्तर के स्कूल और कॉलेजों के शिक्षको के पद खाली है। क्या उच्च शिक्षा मंत्री भँवर सिंह भाटी औऱ स्कूल शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा अपने दायित्व के प्रति गंभीरता दिखाएंगे ?

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