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बीकानेर,स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में आईसीएआर द्वारा प्रायोजित राष्ट्रीय विंटर स्कूल पानी व उवर्रक प्रवंधन और नई तकनीक पर 21 दिवसीय विंटर स्कूल में व्याख्यान का दौर जारी है। कोर्स डारेक्टर डॉ पी.के. यादव ने बताया कि इस दौरान बाहर से पधारे डॉ ओ. पी. अवस्थी प्रमुख वैज्ञानिक आईसीएआर, पूसा, नई दिल्ली ने भबिष्य में अजैविक कारको का उद्यानिकी फसलों पर क्या प्रभाव पड रहा रह है के बारे में बताया। बढ़ते तापमान, ग्लोबल वार्मिंग, वातावरणीय कारको की अनियमिताओं से उद्यानिकी फसलों पर काफी प्रभाव पड रहा है जिससे भविष्य में ऐसी उद्यानिकी फसलों को तैयार करे कि वह अजैविक कारको के प्रभाव को सहन कर सके। इसी दौरान डॉ एन. डी. यादव, हेड एंव प्रमुख वैज्ञानिक, रेजिनल स्टेशन, काजरी बीकानेर ने बताया कि शुष्क फलो व सब्जियों में मल्चिंग, पॉलीहाउस , बून्द-बून्द सिंचाई आदि से सिंचाई पानी की दक्षता बढ़ाकर कम पानी पर अधिक उपज ली जा सकती है।

व्याख्यान के दौरान डॉ पी. एस. शेखावत, डारेक्टर रिसर्च ने शुष्क फलो ब सब्जियों की महत्ता के बारे में बताया तथा बीकानेर सभांग में काचरी, केर , बेर व बेल पत्र की किस्मों व कम पानी पर अधिक उत्पादन व आमदनी का साधन बताया। डॉ बी.डी. शर्मा, डारेक्टर, सीआईएएच, बीकानेर ने उद्यानिकी फसलों में पोषक तत्व का प्रबंधन कैसे करे के बारे में बताया तथा सीआईएएच में हो रहे अनुसंधानों के बारे में विस्तृत रूप से बताया।

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