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जोधपुर। जोधपुर की नर्स सविता ने बुधवार को प्रसारित हुए केबीसी में 50 लाख रुपए जीते। उन्होंने कहा कि आखिरी सवाल 1 करोड़ जिता देता, लेकिन मैं पूरी तरह श्योर नहीं थी और मैंने खेल बीच में ही छोड़ दिया।
सविता ने बताया कि क्विट करने बाद जो ऑप्शन चूज किया वह सही था, लेकिन जब तक पूरी तरह आश्वस्त नहीं होती तब तक मैं कोई निर्णय नहीं लेती। 35 वर्षीय सविता जोधपुर में रहती हैं। फिलहाल रेलवे में नर्सिंग पद पर कार्यरत हैं। उनके पिता जोधपुर में सिटी बस चलाते थे। उनकी मौत के बाद भाई ने ये काम संभाला। मां खुद पढ़ी लिखी नहीं थीं, लेकिन बेटी को खूब पढ़ाया।
सविता ने बताया कि 50 लाख जीतने की खुशी उनके परिवार के साथ मोहल्ले भर को है। उन्हें पूरे रेलवे डिपार्टमेंट से बधाई के कॉल आ रहे हैं। बधाई कॉल अटैंड कर ज्यादा खुशी मिल रही है। सविता के पति सुमित भाटी और ननद मोना भाटी ने बताया कि हमें गर्व है कि सविता की जीत ने परिवार को एक अलग पहचान दी है।
इधर जैसे ही सविता के 50 लाख जीतने की घोषणा KBC पर हुई। उनके घर के बाहर पटाखे जला कर खुशियां मनाई गईं। महामंदिर क्षेत्र में सविता के घर के बाहर परिवार और मोहल्ले के लोगों ने केक काटा देर रात तक बधाई देने वालों का तांता लगा रहा।
18 साल की उम्र से ही शुरू कर दिया था ट्राई
सविता ने बताया कि उनकी मां टीवी में सिर्फ KBC देखने की ही परमिशन देती थी। वह बचपन से यह शो देख रही हैं। केबीसी के लिए 18 साल की उम्र के बाद ही एप्लाई कर सकते हैं, इसलिए शो के लिए एलिजिबल होते ही उन्होंने इसके लिए ट्राई करना शुरू कर दिया था। इतने सालों में पहली बार उनका रजिस्ट्रेशन इस गेम के लिए हुआ। उन्होंने बताया शुरू में विश्वास नहीं हुआ। जब हॉट सीट पर बैठने के बाद अमिताभ बच्चन से मिलना हुआ तो वह पल ही अलग था। सदी के महानायक की एक झलक को देखने के लिए उनके घर के बाहर लोगों की भीड़ लगती है और मैं उनके साथ बैठ कर बात कर रही थी। यह पल मेरी जिंदगी में हमेशा यादगार रहेगा।
25 जून को जयपुर में ग्राउंड ऑडिशन
सविता ने बताया कि उनको सलेक्शन के लिए कॉल आया था। 25 जून को जयपुर में ग्राउंड ऑडिशन हुआ। तब तक विश्वास नहीं हुआ कि वाकई केबीसी में जाएंगी या नहीं। इसके बाद दिल्ली में एक ग्राउंड ऑडिशन और हुआ। फिर सलेक्शन हो गया। 10 सितंबर को मुंबई पहुंची। गोरेगांव फिल्म सिटी में केबीसी के सेट पर दो दिन में शूटिंग पूरी हो गई। घर में तो पता चल ही गया था कि 50 लाख जीत चुकी हूं।
करेंट अफेयर पर रहती है नजर
समाचारों को पढ़ने सुनने के अलावा सविता हमेशा करंट अफेयर की ऑनलाइन क्लासेस अटैंड करती रहीं। बस इस तैयारी के सहारे उन्होंने गेम को आखरी तक खेला। सविता बताती हैं कि बचपन से पढ़ाई में अच्छी रही हैं। उनकी मां ने हौसला बढ़ाया। पढ़ाई के लिए प्रेरित किया। उसी के बल पर यह मुकाम दिलाया है।
RAS में सलेक्शन हो चुका था
रेलवे में नर्सिंग पद पर कार्यरत सविता ने बताया कि BSC और GNM डिप्लोमा करने के बाद रेलवे में जीएनएम की नौकरी मिल गई। 2007 में शादी के बाद दो बार बैंक में सलेक्शन हुआ, लेकिन गर्भवती होने के कारण नहीं जॉइन किया। उसने बताया कि RAS क्लियर करने के बाद उसे कॉर्पोरेट इंस्पेक्टर का पद मिला था। अच्छा पे स्केल रेलवे में जीएनएम का था, इसलिए उसे चुना।

पिता सिटी बस चालक थे, भाई निगम उपायुक्त की कार चलाता है
सविता का पीहर जोधपुर के चांदपोल में है। पिता सिटी बस चलाते थे। 2004 में पिता जगदीश गहलोत की डेथ के बाद से भाई सिटी बस चलाने लगा। कोविड में सिटी बसों का संचालन बंद होने से बस को बेच कर कार खरीदी। सविता ने बताया कि उनका भाई नगर निगम में उपायुक्त की कार चलाता है। मां पढ़ी लिखी नहीं है, लेकिन पढ़ाई के लिए प्रेरित करती रहती थी। पूरे परिवार में सबसे ज्यादा सविता ही पढ़ी है।

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