बीकानेर,राजस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। भाजपा में मुख्यमंत्री पद को लेकर भारी गुटबाजी है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया भी मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं।इस बीच सतीश पूनिया के समर्थक उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बढ़ती नजदीकियों से पूरी तरह आश्वस्त हैं कि पार्टी राजस्थान में सतीश पूनिया को ही अगले मुख्यमंत्री के तौर पर सामने लाएगी। पूनिया की नरेंद्र मोदी के साथ बढ़ती नजदीकियों से उनके समर्थकों में खासा उत्साह है। यही वजह है कि सतीश पूनिया पार्टी के बड़े नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों को भाव नहीं देते हैं। राजस्थान में सतीश पूनिया का प्रदेश अध्यक्ष का कार्यकाल पूरा हो चुका है। पार्टी ने उनके कार्यकाल को आगे बढ़ाया है। उनके समर्थकों में इस बात को लेकर उत्साह भी है। समर्थकों का मानना है कि सतीश पूनिया प्रदेश अध्यक्ष बने रहेंगे और मुख्यमंत्री भी बनेंगे।शेखावत शाह के करीबी तो पूनिया पर मोदी का हाथ
राजस्थान में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के रिश्तो को बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता है। दोनों नेताओं के बीच कामकाज को लेकर मतभेद है। गजेंद्र सिंह शेखावत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के करीबी माने जाते हैं। वही सतीश पूनिया पर नरेंद्र मोदी का पूरा हाथ है। यही वजह है कि प्रदेश में सतीश पूनिया आत्मविश्वास से लबरेज नजर आते हैं। सतीश पूनिया और गजेंद्र सिंह शेखावत में पूनिया की रामदेवरा पैदल यात्रा से ही मतभेद है।
सतीश पूनिया की पैदल यात्रा को लेकर भी है पार्टी में विवाद
जोधपुर में पिछले दिनों कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान जब अमित शाह राजस्थान आए थे। तब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया रामदेवरा की पैदल यात्रा करना चाह रहे थे। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने पूनिया को पैदल यात्रा यात्रा करने से इंकार कर दिया था। माना जा रहा था कि उस यात्रा को रोकने में गजेंद्र सिंह शेखावत और अरुण सिंह की भूमिका थी। बावजूद इसके सतीश पूनिया ने अकेले ही पैदल यात्रा की। इससे प्रदेश में पार्टी का गलत संदेश गया। इसके बाद सतीश पूनिया ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास जाकर अपना दर्द सुनाया। जिस पर पीएम मोदी ने अरुण सिंह को फटकारभी लगाई। मोदी के फटकार लगाने के बाद ही अरुण सिंह ने आमेर में सतीश पूनिया को प्रदेश का बड़ा नेता बताते हुए उनकी तारीफ की थी। हाल ही में राजस्थान में जन आक्रोश यात्रा को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की सभा की विफलताओं को भी सतीश पूनिया की पैदल यात्रा की घटनाक्रम से जोड़कर देखा जा रहा है। सतीश पूनिया को फोन कर जेपी नड्डा ने ही पैदल यात्रा निकालने से मना किया था। प्रदेश की सियासी गलियारों में सतीश पूनिया की पैदल यात्रा के घटनाक्रम और जेपी नड्डा की सभा की विफलताओं की चर्चा है।