
बीकानेर,सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज शिक्षक संघ (SPMCTA), बीकानेर ने राज्य सरकार के मेडिकल कॉलेज फैकल्टी में लेटरल एंट्री के हाल ही में जारी आदेश का कड़ा विरोध किया है। संघ के अध्यक्ष डॉ. विजय तुंदवाल एवं सचिव डॉ. विनोद छिम्पा के नेतृत्व मे प्रतिनिधि मंडल ने कार्यवाहक प्राचार्या डॉ. रेखा आचार्य को एक ज्ञापन सौम्पा है, ज्ञापन मे संगठन का कहना है कि यह फैसला चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता को कमजोर करेगा।संघ ने बताया कि सरकार रिम्स जैसे कदम उठाकर शिक्षा को बेहतर करने की बात कहती है, लेकिन बिना उचित प्रशिक्षण और योग्यता के लोगों को प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर पद पर सीधे नियुक्त करना गलत है।
एनएमसी की 05.07.2025 की अधिसूचना के अनुसार केवल असिस्टेंट प्रोफेसर तक लेटरल एंट्री संभव है, प्रोफेसर पद के लिए यह नियम नहीं है। फिर भी सरकार का यह फैसला नियमों के खिलाफ है।संघ का दावा है कि यह आदेश कॉलेजों की गुणवत्ता, पदोन्नति और कार्य वातावरण को नुकसान पहुंचाएगा। साथ ही, पुराने कॉलेजों में प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर की भर्ती यूटीबी (अस्थायी आधार) पर करने से वरिष्ठता और कैडर में दिक्कतें आएंगी। संघ ने मांग की है कि यह आदेश तुरंत वापस लिया जाए और फैकल्टी की कमी के लिए पात्रता वेतन पर पदोन्नति या रिटायर्ड शिक्षकों की नियुक्ति की जाए। संघ ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने यह आदेश वापस नहीं लिया, तो आंदोलन और हड़ताल की नौबत आ सकती है, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।