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बीकानेर,लूनकरणसर,’कंधों से मिलते हैं कंधे, कदमों से कदम मिलते हैं!’ की हुंकार भरते नन्हे-मुन्ने बच्चे अपने शब्दों को आकार और सपनों को उड़ान देते नजर आए। मौका था लूणकरणसर स्थित नव क्र‌मोन्नत राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में आयोजित ‘सारंग’ कार्यक्रम का। जिसमें बच्चों का हुनर सर चढ़कर बोला, जिसे देख कर वहां मौजूद लोग मंत्रमुग्ध हो गए। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए समाजसेवी एवं पूर्व सरपंच चंपालाल चौपड़ा ने कहा कि सही मायनों में शिक्षा का उद्देश्य विद्यार्थियों में अंतर्निहित क्षमताओं को विस्तार देना है। विशिष्ट अथिति लूनकरणसर सरपंच भंवरी देवी एवं मोहनलाल तातेड़ ने कहा कि शालाओं में रचनात्मक वातावरण बनाया जाना चाहिए ताकि बच्चे अपने सपनों को आकार दे सकें। समारोह में बोलते हुए शिक्षाविद रेवंतराम गुरिया, ओंकारनाथ योगी, राजस्थान साहित्य अकादमी सदस्य, साहित्यकार राजूराम बिजारणियां, रेवंतराम गोदारा, रामजीलाल घोड़ेला, लालचंद थोरी, ताराचंद भुवाल ,पूजा राजपुरोहित ,छैलूदान चारण ने कहा कि विद्यालय जीवन में जो संस्कार मिलते हैं वही व्यक्तित्व निर्माण में कारगर साबित होते हैं। इससे पूर्व अतिथियों द्वारा मां शारदा के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर समारोह की शुरुआत की गई। अध्यक्षता करते हुए विद्यालय प्रधानाचार्य लक्ष्मीनारायण पारीक ने कहा कि मूल्य आधारित शिक्षा हमारा प्राथमिक उद्देश्य है। पारीक ने कहा कि केवल अकादमिक क्षेत्र पर बल नहीं देकर विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए हर संभव प्रयास विद्यालय में किए जाते हैं। इस वार्षिक समारोह के दौरान चुन्नी देवी धर्म पत्नी स्व.चेतनराम तावणियां (पूर्व संरपंच किशनासर), मोहनलाल तातेड़ ने अलग-अलग एक लाख ग्यारह हजार एक सौ ग्यारह, जुगल किशोर बोथरा (पूर्व व्यापार मण्डल अध्यक्ष)ने इकत्तीस हजार,नथमल राखेचा ने इक्कीस हजार, हनुमानमलभूरा, सुरेंद्र गंग, सन्तोषचन्द भूरा, ने ग्यारह हज़ार रुपए मोहनलाल गर्ग, बाबूलाल बोथरा ने इक्यावन सौ रुपये सहयोग राशि भेंट की। वहीं लूणकरणसर सरपंच भंवरी देवी ने शाला में टिनशैड बनाने की स्वीकृति दी। कार्यक्रम के दौरान प्रतिभावान विद्यार्थियों और भामाशाहों को सम्मानित किया गया। समारोह में नन्हे मुन्ने बच्चों ने सुंदर और रोचक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। इस अवसर पर लालचंद गौड़, राणाप्रतापसिंह, कानाराम शर्मा, राकेश शर्मा, मनीराम जांघू, दलीप थोरी सहित क्षेत्र के गणमान्य जन, शिक्षक व विद्यार्थी मौजूद थे। मंच संयोजन अल्का ओझा, संध्या और मनीराम जांघू ने साझा रूप से किया। संस्था प्रधान ने आगंतुकों का आभार जताया।

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