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बीकानेर,भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र (एनआरसीसी), बीकानेर में पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता एवं जागरूकता लाने के प्रयोजनार्थ आज दिनांक को कृषि परिक्षेत्र एवं सामुदायिक भवन परिसर में पौधारोपण का कार्यक्रम रखा गया जिसमें केन्द्र के वैज्ञानिकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हुए पर्यावरण के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन किया।

इस अवसर पर केन्द्र के निदेशक डॉ.राजेश कुमार सावल ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के इस युग में प्रकृति प्रदत्त व्यवस्था काफी हद तक चरमरा गई है, फलतः वैश्विक तापवृद्धि (ग्लोबल वार्मिंग) आदि के कारण ऋतु चक्र में अत्यधिक अनिश्चितता देखी जा सकती है। अतः वृक्षों की बहुलता से बदलते परिवेश में पर्यावरणीय असंतुलन से उत्पन्न विभिन्न समस्याओं के प्रसार को काफी हद तक रोका जा सकता है । डॉ. सावल ने पौधारोपण के इस अवसर को ऊँट प्रजाति के संरक्षण हेतु चरागाह विकास से जोड़कर देखने की बात कहीं ।

केन्द्र की चरागाह एवं पशु आहार इकाई की प्रभारी डॉ. प्रियंका गौतम ने बताया कि पारिस्थितिकी तंत्र पर सकारात्मक प्रभाव के ध्येय से केन्द्र में पौधारोपण का कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें 40 जाल व 11 अशोक के पौधे लगाए गए। उन्‍होंने कहा कि इस वर्ष में 30 खेजड़ी, 70 नीम, 100 शहतूत एवं 20 बैर, 50 झरबेरी, 50 सहजन, 50 अरडू के पौधे भी लगाए गए। उन्होंने पौधारोपण के इस कार्यक्रम से जुड़ने के लिए केन्द्र परिवार का आभार व्यक्त किया ।

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