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लूणकरणसर,जैन धर्म मे संलेखना पूर्वक संथारे का अपना महत्वपूर्ण स्थान है । लूणकरणसर के सुश्रावक डालचंद राखेचा के तीन दिवस का संलेखना पूर्वक संथारा सम्पन्न हुवा । संथारे को आत्मा का उत्कर्ष माना गया है । गौरतलब है आचार्य महाश्रमण के निर्देश पर स्थानीय शाशन श्री साध्वी पान कुमारी द्वितीय ने राखेचा को संथारे का पच्चखान करवाया था । सर्व समाज के साथ राखेचा की बैंकुठि यात्रा निकाली गई ।

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