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बीकानेर,आज राजकीय महारानी सुदर्शन कन्या महाविद्यालय में संस्कृत सप्ताह के अंतर्गत निबंध प्रतियोगिता तथा काव्य पाठ प्रतियोगिता के आयोजन के साथ एक परिचर्चा का आयोजन किया गया जिसमें महाविद्यालय संकाय सदस्यों तथा विद्यार्थियों ने सहभागिता की परिचर्चा का मुख्य विषय *संस्कृत की वर्तमान संदर्भ में उपयोगिता* रहा। इस परिचर्चा में राजकीय डूंगर महाविद्यालय के संस्कृत विभाग की सह आचार्य डाॅ. सरिता स्वामी ने शिक्षा क्षेत्र में संस्कृत की स्थिति को सुधारने हेतु प्रयासरत रहने की आवश्यकता पर बल दिया। डूंगर कॉलेज के ही संस्कृत विभाग के सहायक आचार्य डॉ राजेंद्र सुथार ने पाठ्यक्रम में संस्कृत की अनिवार्यता पर बोल देते हुए कहा की विद्यालय स्तर पर संस्कृत अध्ययन अध्यापन की सुदृढ व्यवस्था हो। महारानी कॉलेज की प्राचार्य प्रोफेसर नंदिता सिंघवी ने वर्तमान में संस्कृत की विद्यार्थियों की संख्या बढ़ने पर बल दिया, इस हतु प्रोफेसर सिंघवी ने कहा कि प्रत्येक स्तर पर संस्कृत के प्रोत्साहन की आवश्यकता है। साथ ही प्रोफेसर सिंघवी ने विद्यार्थियों के लिए स्कॉलरशिप योजना का प्रस्ताव भी रखा और स्वयं उसमें सहयोग करने का आश्वासन दिया। संस्कृत के विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने हेतु एक कोष बनाकर प्रत्येक स्तर पर संस्कृत के विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया जाए।

प्रोफेसर उज्जवल गोस्वामी ने कहा कि जिला स्तर पर सभी महाविद्यालय के प्रोफेसर्स एवं विद्यार्थियों का समूह बनाकर एक जिला स्तरीय संस्कृत परिषद् का गठन किया जाए इस माध्यम से संस्कृत के विद्यार्थियों को विभिन्न माध्यम से प्रोत्साहित किया जा सकेगा। प्रोफेसर गोस्वामी ने महाविद्यालय स्तर पर संस्कृत के विद्यार्थियों के लिए पृथक से बुक बैंक बनाने तथा उसमें सभी के सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया। परिचर्चा में प्रोफेसर असित गोस्वामी, प्रोफेसर शशि वर्मा, प्रोफेसर निधि अग्रवाल प्रोफेसर आशा शर्मा, डाॅ.अंजली शर्मा आदि ने सहभागिता की। परिचर्चा के अंत में पाठ्यक्रम में आवश्यक सुधार कर पाठ्यक्रम को रोजगारोन्मुखी तथा विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के अनुरूप बनाने पर सहमति हुई। कार्यक्रम के अंत में संयोजक प्रो. उज्ज्वल गोस्वामी ने सभी आगम तो अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया।

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