बीकानेर,संभाग के सबसे बड़े राजकीय डूंगर महाविद्यालय एवम राजस्थान संस्कृत अकादमी जयपुर के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को महाविद्यालय के प्रताप सभागार में संस्कृत समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राज्य स्तरीय निबंध लेखन प्रतियोगिता एवं श्लोक पाठ प्रतियोगिताएँ रखी गई।
कार्यक्रम के उद्घाटन के अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रोफेसर महावीर सारस्वत ने कहा कि संस्कृत संरक्षण हेतु इस प्रकार के आयोजनों की महती आवश्यकता है, क्योंकि प्रतियोगिताओं के माध्यम से छात्रों का जुड़ाव होता है। आपने संस्कृत श्लोकों के अध्ययन के विभिन्न पहलुओं के बारे में भी जानकारी दी ।
मुख्य अतिथि डॉ. देवकृष्ण सारस्वत, प्रभारी आयुर्वेद विभाग पीबीएम अस्पताल बीकानेर ने संस्कृत वाङ्मय व चिकित्सा पद्धतियों पर अपना व्याख्यान रखा तथा आयुर्वेद में वर्णित औषधियों के चिकित्सकीय महत्ता पर प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में ओमप्रकाश सांखोलिया प्रोफेसर, राजकीय संस्कृत महाविद्यालय बीकानेर ने संस्कृत साहित्य में पर्यावरण विषयक चिंतन प्रस्तुत किया। इनके अतिरिक्त कार्यक्रम में संस्कृत विभाग की पूर्व छात्रा व राजस्थान प्रशासनिक सेवा की अधिकारी ज्योतिबाला व्यास ने बताया की संस्कृत के अध्ययन से नैतिक गुणों का विकास होता है तथा भ्रष्टाचार से दूर रहता है । इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य पुष्पेंद्र सिंह ने संस्कृत में निहित संस्कारों को आत्मसात करने का आह्वान किया। कार्यक्रम संयोजक डॉ. नंदिता सिंघवी ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि संस्कृत में आधुनिक ज्ञान विज्ञान के मूलभूत सिद्धांत निहित है। यह कंप्यूटर एवं अंतरिक्ष में संदेश प्रेषण करने में उपयुक्त होने के कारण विश्व का भविष्य है। कार्यक्रम का मंच संचालन आयोजन सचिव केसरमल ने किया । डॉ. श्याम अग्रवाल ने राजस्थान संस्कृत अकादमी, आयोजन समिति, सभी प्रतिभागियों एवं श्रोताओं का धन्यवाद ज्ञापित किया। निबंध प्रतियोगिता में प्रथम स्थान मधु सुथार, द्वितीय स्थान- चंद्रकला एवं तृतीय स्थान -निशा ने प्राप्त किया।
श्लोक पाठ प्रतियोगिता में प्रथम स्थान- अंशु भारती शर्मा, द्वितीय स्थान- नरेश सारस्वत तथा तृतीय स्थान राधे मोहन ओझा ने प्राप्त किया।
महाविद्यालय के संकाय सदस्य डॉ. विक्रमाजीत, डॉ.सरिता स्वामी, डॉ. राजनारायण व्यास डॉ.विजय मटोरिया , डॉ. साधना भण्डारी, डॉ. अस्मां मसूद आदि उपस्थित रहे।