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बीकानेर, साहित्य अकादमी, नई दिल्ली का इस वर्ष का राजस्थानी भाषा का अनुवाद पुरस्कार बीकानेर के संजय पुरोहित को दिया जाएगा।
पुरोहित को रमा मेहता के अंग्रेजी उपन्यास ‘इंसाइड द हवेली’ के राजस्थानी अनुवाद ‘हेली रे मांय’ के लिए दिया जाएगा।
साहित्य अकादमी के सचिव डॉ. के.श्रीनिवासराव ने बताया कि त्रिसदस्यीय निर्णायक मंडल द्वारा निर्धारित चयन प्रक्रिया से पुरस्कार का चयन किया गया। उन्होंने बताया कि पुरस्कार के रूप में पुरोहित को उत्कीर्ण ताम्रफलक और पचास हजार रुपए पुरस्कार स्वरूप दिए जाएंगे। यह पुरस्कार एक विशेष समारोह में प्रदान किया जाएगा।
*छह पुस्तकें प्रकाशित*
अब तक संजय पुरोहित की 6 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इनमें हिंदी कहानी संग्रह कथांजलि, राजस्थानी कविता संग्रह थूं क्यूं हुवे उदास, लघु कथा संग्रह अंतर्दृष्टि, राजस्थानी बाल कथा संग्रह अमूल्य उपहार तथा हिंदी बाल कथा संग्रह समझदारी, साहस और एकता सम्मिलित है। संजय के आलेख और रचनाएं विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही हैं। उन्हें जिला प्रशासन के जिला स्तरीय सम्मान के अलावा बीकानेर रत्न सम्मान, मैथिलीशरण गुप्त युवा लेखक पुरस्कार, पंडित विद्याधर शास्त्री अवार्ड, ज्ञान फाउंडेशन अवार्ड, राज्यपाल स्टेट अवार्ड तथा शंभू शेखर राज्य स्तरीय साहित्य विशिष्ट पुरस्कार प्राप्त हो चुका है। संजय, जनकवि स्व. श्री बुलाकी दास बावरा के पुत्र हैं। उन्हें केंद्रीय साहित्य अकादमी का अनुवाद पुरस्कार घोषित होने पर बीकानेर के साहित्यकारों ने प्रसन्नता जताई है। उल्लेखनीय है कि संजय पिछले दो दशकों से अधिक समय से अनेक स्तरीय कार्यक्रमों का मंच संचालन कर रहे हैं। इनमें गणतंत्र और स्वतंत्रता दिवस समारोह और अंतराष्ट्रीय ऊंट उत्सव सहित अनेक कार्यक्रम सम्मिलित हैं।

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