बीकानेर,हनुमान चालीसा के 13 हजार 525 पाठ के साथ तीन दिवसीय सनातन संस्कृति महोत्सव शनिवार को संपन्न हुआ। इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों के 845 लोगों ने टाइम स्लॉट के आधार पर यह पाठ किए। इनमें विभिन्न मानस प्रेमी संस्थाओं के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
सनातन संस्कृति संयोजक अविनाश जोशी ने बताया कि महोत्सव के तीसरे दिन शहर में शहर हनुमान चालीसा के सामूहिक पाठ के प्रति अपार उत्साह देखा गया। स्कूली विद्यार्थियों से लेकर वरिष्ठ नागरिकों तक विभिन्न वर्गों के लोगों ने निर्धारित लक्ष्य से लगभग ढाई हजार अधिक पाठ किए। सनातन संस्कृति के मूल्यों को युवा पीढ़ी तक पहुंचाने के उद्देश्य से आयोजित समारोह में हनुमान चालीसा के सामूहिक पाठ से शहर में समृद्धि और भाईचारे की कामना की गई।
मंच के जस्सोलाई तलाई स्थित कार्यालय परिसर में प्रातः 11 बजे हनुमान पूजन के साथ हनुमान चालीसा के सामूहिक पाठ का क्रम चालू हुआ। इस दौरान 50 कर्मकांडी ब्राह्मण लगातार मौजूद रहे, वहीं स्कूली विद्यार्थियों, चिकित्सकों, अधिवक्ताओं, उद्यमियों तथा महिलाओं सहित आमजन ने सामूहिक पाठ में भागीदारी निभाई।
हनुमान चालीसा के पाठ के दौरान पूरा परिसर चौपाइयों से गूंज उठा। बीच-बीच में जयकारे राम और हनुमान के लगाकर लगाए गए। जोशी ने बताया कि हनुमान चालीसा के सामूहिक पाठ के पश्चात महाआरती की गई यह। महाआरती पूनरासर हनुमान मंदिर के पुजारी रतनलाल बोथरा द्वारा की गई। आरती की ज्योत पूनरासर से ही लाई गई। इस दौरान राम झरोखा आश्रम के महंत सरजू दास महाराज, पंडित जुगल किशोर ओझा पुजारी बाबा सहित शहर के विभिन्न हनुमान मंदिरों की पुजारी मौजूद रहे।
उन्होंने बताया कि सामूहिक पाठ के पश्चात हनुमान चालीसा की 51 हजार पुस्तकों का वितरण प्रारंभ हुआ। पहले दिन लगभग 1500 पुस्तक वितरित की गई। सोमवार से स्कूलों और कॉलेजों में हनुमान चालीसा में छिपे मैनेजमेंट फंडों की जानकारी के साथ हनुमान चालीसा का वितरण किया जाएगा। वहीं शहर के 10 प्रमुख स्थानों पर हनुमान चालीसा के सामूहिक पाठ 22 से 31 अगस्त तक किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि प्रत्येक स्थान के लिए प्रभारी नियुक्त किया जाएगा तथा स्थानीय व्यक्ति को प्रमुख यजमान के रूप में बिठाया जाएगा। जोशी ने बताया कि प्रत्येक स्थान पर हनुमान चालीसा के सामूहिक पाठ के पश्चात पुस्तिका का वितरण किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि तीन दिवसीय सनातन संस्कृति महोत्सव की शुरुआत गुरुवार को 51 मंदिरों में सामूहिक रुद्राभिषेक के साथ हुई। वहीं शुक्रवार को पंडितों द्वारा 5100 भैरव पाठ किए गए।