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बीकानेर,की रहने वाली 68 वर्षीय बुजुर्ग अनिता फगेरिया के जोश और जुनून को देखकर यह उक्ति सटीक प्रतीत होती है। उन्होंने इस उम्र में भी मेहनत कर एक किचन गार्डन तैयार किया है। बिना किसी के सहयोग से रोजाना 5 से 6 घंटे इसकी देखभाल करती है। इसमें सब्जियों के साथ फल और फूल भी उगे हुए हैं। खास बात यह है कि वह अपने इस काम को अपने तक सीमित नहीं रखकर सोशल मीडिया के माध्यम से देश-दुनिया तक पहुंचा रही है। वह भी हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में। ठण्डे इलाकों में पैदा होने वाली सब्जी को किचन गार्डन में उगाने के साथ पूरी जानकारी यू-ट्यूब पर सबके साथ साझा भी करती है।

किचन गार्डन

फगेरिया ने बताया कि बाहर रहने वाली नातिन जब आती है, तो नानी का गार्डन पहले देखती है। इस वजह से आसपास के लोग भी अब इसे नानी का किचन गार्डन कहने लगे हैं। वे आगे बताती हैं तीन साल पहले घर के पास खाली पड़े बाड़े में अपने शौक को पूरा करने की शुरु की। अब मेहनत रंग ला रही है।

नई तकनीकों की मदद

मौसम परिवर्तन में भी नई कृषि तकनीकों से मिट्टी या खाद में बदलाव करना, बुआई और सिंचाई की नई तकनीक का प्रयोग करते हुए यहां पैदा नहीं होने वाली सब्जियां भी गार्डन में उगाने में ये सफल रही है। उन्होंने बताया कि अपने गार्डन में सफल रहे प्रयोग को वह सोशल मीडिया के माध्यम से सभी के साथ शेयर भी करती हैं।

खुद ही बनाती हैं वीडियो

सोशल मीडिया के माध्यम से यूट्यूब पर अनिता फगेरिया के नाम से चैनल बनाया है। इस पर खेती व हैल्थ बेनीफिट के वीडियो भी अपलोड करती हैं। इस काम में वह किसी की मदद नहीं लेतीं। खुद वीडियो बनाती हैं, एडिट करती हैं और फिर उसे अपने चैनल पर अपलोड करती है। अब तक 100 से भी अधिक वीडियो अपने चैनल पर अपलोड कर रखे हैं। इनमें कौन से पौधे को कब लगाना है, कौन सी किस्म सही है और कैसे उसका पालन-पोषण करना है, पूरी जानकारी देती हैं।

खाद भी खुद तैयार की

फगेरिया पौधों में देने वाली खादं को भी खुद ही तैयार करती हैं। इसके लिए नारियल के छिलकों को एक ड्रम में 15 से 20 दिन तक भिगोकर रखती है। उसके बाद पौधों को जल्दी तैयार करने के लिए इसके पानी का छिड़काव करती है। इसके बाद इन छिलकों से खाद तैयार करती हैं।

इनके पौधे

अनिता फगेरिया ने बताया कि इस किचन गार्डन में गाजर, मेथी पालक, धनियां, शलजम, सभी तरह की गोभी, ग्वारपाठा व सेव बेर,पपीता, नींबू, चीकू, अमरूद, किनू, मौसमी, बील सहित कई तरह की सब्जियों और फलों के पौधे लगाए हुए हैं। जिनको देखने के लिए भी काफी लोग यहां आते हैं। उन्होंने गार्डन में स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए भी कई पेड़ लगा रखे हैं, जिसमें सहजन और अंजीर के पेड़ भी लगा रखे हैं।

दो साल से नहीं खरीदी सब्जियां

फगेरिया परिवार ने पिछले दो साल से बाहर की सब्जियां नहीं खरीदीं। गार्डन में जो होती है उसका ही घर में उपयोग करते हैं। अगर अधिक बच जाती है तो पड़ोसी और रिश्तेदारों में बांट देते है। अगर पौध बचती है तो वो भी किसी जान-पहचान वाले को दे देते है।

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